दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून
चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है।
द हिंदू में केशव सरकार के द्वारा किये गए निर्णय जिसमें रिलायंस के जियो इंस्टिट्यूट को अस्तित्व में आने से पहले ही उसको “उत्कृष्ट संस्थान “का दर्ज़ा दे दिया और अंधे पुरुषों और हाथी की उपमा देकर दर्शाया गया है ।
इश्तियाक अंसारी ने सुझाव दिया कि ‘उत्कृष्ट संस्थान ‘ एपिसोड फिल्म लगे रहो मुन्नाभाई की याद दिलाता है, जहां नायक का मानना है कि वह महात्मा गांधी को देख और बातचीत कर सकता हैं, भले ही उसकी कल्पना भरी बातचीत उसको समुद्र के आस-पास छोड़ देती है ।
(ओके तुम मिनिस्टर से मिलना चाहते हो ,अपना क्राइम रिकॉर्ड दिखाओ वो तुम्हारे स्थान पर आएगा बावजूद !)
द इंडियन एक्सप्रेस में मीका अज़ीज़ ने केंद्रीय मंत्रियों जयंत सिन्हा और गिरिराज सिंह के गंभीर अपराधों के आरोपी लोगों से मिलने का निर्णय को चित्रित किया है ।
मुंबई में लगातार बारिश ने हालत ख़राब कर दिया है, साजिथ कुमार दर्शाते है की कैसे चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा किए गए वादे और उनके कार्यकाल के दौरान कितना अंतर होता है ।
सिफ़ी में , सतीश आचार्य राजकुमार हिरानी की हाल में ही में आयी संजय दत्त पर बायोपिक, संजू की आलोचना करते हैं,क्योंकि फिल्म में मीडिया को अभिनेता के जीवन में बुरे व्यक्ति के रूप में चित्रित किया गया है ।
(कार्टून में दिखाया गया है की राजूभाई सल्लू यानि सलमान खान के लिए विलेन मिल गया है )
दैनिक जागरण में, माधव जोशी ने दिल्ली के वर्तमान असह्य आर्द्र मौसम का मजाक उड़ाया है, जिसमें अरविंद केजरीवाल सरकार और लेफ्टिनेंट गवर्नर के बीच सत्ता संघर्ष के साथ एक संभावित लिंक है ये सुझाव दिया गया है।
Read in English : Some ’eminent’ humour, and the new way to meet ministers in India