दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के विशेष रूप से प्रदर्शित कार्टून में, आलोक निरंतर पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को अपने उद्घाटन भाषण में कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए दिखाते हैं. कार्टूनिस्ट जताते हैं कि 70 वर्षीय नेता अपने देश के संकट की तुलना में घाटी के बारे में अधिक चिंतित थे.
संदीप अध्वर्यु का कार्टून दि इकोनॉमिस्ट में छपे एक प्रतिक्रिया की प्रतिक्रिया है, जिसमें यूक्रेन में युद्ध के बीच रूस से तेल खरीदना जारी रखने के लिए चीन और भारत का मजाक उड़ाया गया है. अध्वर्यु अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के इस बयान का इस्तेमाल करते हुए ताली बजाते हैं कि ‘अधिक रूसी तेल खरीदना भारत के हित में नहीं है’, जबकि यूरोप ऐसा करना जारी रख रहा है. केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत की तुलना में यूरोप के रूस से अधिक तेल खरीदने का उल्लेख किया है.
बीबीसी हिंदी में कार्टूनिस्ट कीर्तिश भट्ट ईंधन और नींबू के दाम में इजाफे का मजाक उड़ाते हैं. एक ग्राहक जो कि इसे खरीदने को निवेश कहता है न कि खरीदारी.
डेक्कन हेराल्ड में साजिथ कुमार जोमैटो के 10 मिनट में डिलीवरी के आइडिया की ओर इशारा करते हैं, और देशभर में जैसे कि कर्नाटक, और दिल्ली के जेएनयू में उभर रहे नफरत का मजाक उड़ाते हैं.
सात बार के सांसद और वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता राम चंद्र डोम को सीपीआई (एम) के पोलित ब्यूरो ब्यूरो में पहली बार दलित चेहरे के रूप में नामित किए जाने के बाद, आर प्रसाद ने सवाल किया है कि आखिर इतने दशकों के बाद ऐसा क्यों किया गया.
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