दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने दिन के सबसे अच्छे कार्टून..
आज के विशेष रुप से प्रदर्शित कार्टून में, मंजुल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की हालिया टिप्पणियों पर प्रकाश डाला है, जिसमें हिंदुओं और मुसलमानों के पूर्वज समान थे, और 1948 में ऐसी ही बातें कहने के लिए महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे की ओर इशारा किया है.
सतीश आचार्य ने नरेंद्र मोदी सरकार में विकास के रिकॉर्ड के दावों का मजाक उड़ाया क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड के झटके से उबरने की कोशिश कर रही है.
साजिथ कुमार तालिबान के एक सदस्य को इस मिथक को तोड़ते हुए दिखाते हैं कि यह समूह बदल गया है. तालिबान पिछले महीने अफगानिस्तान के अपने कब्ज़ा के शुरुआती दिनों में इस छवि को पेश करने की कोशिश की थी लेकिन इस सप्ताह घोषित कार्यवाहक सरकार में कोई महिला नहीं है बल्कि कई ‘मोस्ट वांटेड’ मंत्री हैं.
ई.पी. उन्नी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की विस्तृत तैयारियों पर प्रकाश डालते हुए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की अफगानिस्तान और तालिबान से निपटने की ओर इशारा किया. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को राज्य में पार्टी का चुनाव प्रभारी बनाया गया है.
(इन कार्टून्स को अंग्रेज़ी में देखने के लिए यहां किल्क करें)