दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज का विशेष कार्टून उत्तराखंड के उत्तरकाशी क्षेत्र में एक सुरंग ढहने के बाद फंसे 41 मजदूरों के बचाव के बाद के जश्न को लेकर है. 17 दिन अंदर रहने के बाद आखिरकार 28 नवंबर की रात को सभी मजदूर सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए.
आलोक निरंतर बर्कशायर हैथवे के उपाध्यक्ष चार्ली मुंगेर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिनका 29 नवंबर को 99 साल की उम्र में निधन हो गया. मुंगेर एक निवेशक, एक उद्योगपति और वॉरेन बफेट के करीबी भागीदार थे.
साजिथ कुमार का मार्मिक कार्टून भारत में जातिवाद और उत्तराखंड में मजदूरों को बचाने के बचाव अभियान के बीच समानताएं दिखाता है. वह तमिलनाडु की हालिया घटना की ओर इशारा करते हैं, जहां पानी मांगने पर दो दलित युवकों की पिटाई की गई और उनके ऊपर पेशाब कर दिया गया.
ई पी उन्नी के कार्टून में भी उत्तरकाशी में फंस गए 41 मजदूरों के बचाव का जिक्र है. वह घटना के प्रतीकात्मक महत्व की ओर इशारा करते हैं. अंतर्राष्ट्रीय मशीनें विफल होने के बाद, ये रैट माइनर्स ही थे जो सामने आए और सभी मजदूरों की जान बचाई.