दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून
चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है।
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कृपया ना घबराएं
सोमवार को संसद के दोनों सदनों में हलचल देखने को मिली जैसे ही बहु-प्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को रिलीज़ किया गया जिसमें 40 लाख लोगों को बाहर रखा गया है।
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा को संबोधित करते हुए कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यह सिर्फ एक मसौदा है। सतीश आचार्य दर्शाते है की गृहमंत्री असम के निवासियों से शांत रहने की मांग कर रहे है जबकि उनके घरों को उखाड़ फेंक दिया जा रहा है क्योंकि उनके नाम एनआरसी रिपोर्ट के मसौदे में नहीं हैं।
( घबराने की कोई जरुरत नहीं है यह सिर्फ एक मसौदा है )
सतीश आचार्य | बॉलीवुड हंगामा
मुख्यमंत्री के लिए हेमा मालिनी
हाल ही में फिल्म अभिनेत्री -भाजपा सांसद ने कहा कि यदि वह चाहती है तो वह मुख्यमंत्री बन सकती है लेकिन वह अपनी रुचियों को आगे बढ़ाने के लिए स्वतंत्र है । कार्टूनिस्ट सतीश आचार्य ने उनकी आकांक्षाओं को चित्रित करने के लिए फिल्म शोले से बसंती के उनके चरित्र को पुनर्जीवित किया।
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द्विध्रुवी भारतीय
कार्टूनिस्ट संदीप अध्वर्यु ने अपने कार्टून के माध्यम से महिलाओं पर हिंसा की गंभीर वास्तविकता को दर्शाया है । यह पता चला कि बिहार के मुजफ्फरपुर के आश्रय घर में दुर्गा पूजा उत्सव से पहले 34 लड़कियों का कथित तौर पर यौन शोषण किया गया है।
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(क्या आपके पास कोई सबूत है कि यहाँ से कोई सम्बन्ध है ?)
जड़ से कोई फर्क नहीं पड़ता
सुरेंद्र के कार्टून में जमीन के नीचे जड़ों के साथ एक गरीब आदमी और उसके परिवार को दर्शाते है। फिर भी, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर उनसे पूछता है कि वे कहां से सम्बन्ध रखते थे।
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असली भारतीय कौन हैं?
कार्टूनिस्ट मंजुल ने एनआरसी ड्राफ्ट का मजाक उड़ाया है जिसमें असम के करीब 40 लाख लोगों को बाहर रखा गया है।
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कम बच्चे, कम परेशानी
आर.प्रसाद भारत माता को दर्शाते हैं जिनके पास अब 40 लाख कम बच्चे हैं अब उन्हें भारतीयों के रूप में नहीं माना जा सकता है।
(माँ आप के लिए बड़ी राहत! अब आपको 125 करोड़ में से 40 लाख लोगों को घटाकर ध्यान रखने कि जरुरत है।)
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कर्नाटक पर बहस
कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की हाल की टिप्पणी ने उत्तरी कर्नाटक बनाम दक्षिण कर्नाटक बहस की शुरुआत कर दी है। सतीश आचार्य ने मज़ाकिया अंदाज़ में अपने विचार को दर्शाया है कि उन्होंने हाल ही में कहा था कि कोप्पल जिले के किसानों को “ऋण छूट मांगने का नैतिक अधिकार” होगा अगर उन्होंने जाति और धन से परे वोट दिया होगा।
Read in English : NRC draft excludes 40 lakh people, and Hema Malini thinks she can be CM