चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के फीचर कार्टून में आर प्रसाद सरकार को यह याद दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि जब अब सरकार ने घरेलू उड़ाने शुरू कर दी हैं, तब भी कई लोग अपने गांव तक पैदल चलने पर मजबूर हैं.
आलोक निरंतर भी अपने चित्रण के माध्यम से प्रवासी मजदूरों की तुलना प्रिवलेज्ड (विशेषाधिकार प्राप्त) लोगों से कर रहे हैं.
मंजुल अपने चित्रण में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच उड़ानों की शुरूआत को लेकर चल रहे झगड़े को दर्शाया है.
सतीश आचार्य लॉकडाउन के सर्कस के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगली योजना के बारे में सोच रहे हैं.
साजिथ कुमार साइकिल फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा ज्योति कुमारी को दिए गए प्रस्ताव पर कटाक्ष कर रहे हैं. वह अपने कार्टून में दर्शाते हैं कि वह अपने घायल पिता को 1500 किलोमीटर साइकिल चलाकर बिहार ले गई और ये उनकी पीड़ा का रोमांटिक करण कर रहे हैं.
(लास्ट लाफ्स अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)