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सोमवार, 2 जून, 2025
होमलास्ट लाफप्रवासी श्रमिक अपनी ही भूमि में फंसकर रह गए हैं जबकि बसें सामाजिक दूरी का अभ्यास कर रही हैं

प्रवासी श्रमिक अपनी ही भूमि में फंसकर रह गए हैं जबकि बसें सामाजिक दूरी का अभ्यास कर रही हैं

चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.

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दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून

आज के फीचर कार्टून में कीर्तीश भट्ट उस बात को उकेर रहे हैं जिसमें विशेष विमानों के जरिए बाहर के देशों में फंसे लोगों को तो निकाल लिया जाता है लेकिन प्रवासी मजदूरों के लिए उनके ही देश में कुछ नहीं किया जाता है.

मीर सुहैल प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कर रहे हैं कि वो मजदूरों की स्थिति को नजरअंदाज कर रहे हैं.

सजिथ कुमार भारतीय स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति लोगों की खोखली प्रशंसा को उकेर रहे हैं.

इरशाद कप्तान मजदूरों से भरे बसों को दिखा रहे हैं जिसमें लॉकडाउन के दौरान बड़े स्तर पर लोग जा रहे हैं.

आर प्रसाद कोरोनावायरस और महाभारत के बीच लकीर खींच रहे हैं. वर्तमान स्थिति की वे एक कल्पना के साथ तुलना कर रहे हैं.

‘जब आपके पास कोई दूसरा विकल्प न हो तो आप किस मरीज को बचाते हैं?’ दुनिया ने स्पष्ट रूप से अपनी पसंद बनाई है, आलोक निरंतार का सुझाव है.

(इन कार्टून्स को अंग्रेजी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)

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