दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून
चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है।
मीक़ा अज़ीज़ अपने कार्टून में, कैंपस राजनीति पर विशेष रूप से दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनावों में एबीवीपी की जीत पर तंज करते हैं. इस कार्टून के माध्यम से यह दर्शाते हैं की किस प्रकार से शिक्षिका अपने छात्रों को कॉलेज की राजनीति में शामिल न होने और पुनः शिक्षा की तरफ वापस लाने की कोशिश कर रही हैं.
अपने अन्य कार्टून में अज़ीज़ ब्रिटेन जाने से पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली से मिलने के विजय माल्या के दावे पर निशाना साधते है. वह माल्या की टिप्पणियों की तुलना केले के छिलके के साथ करते है जिसपे भाजपा नेता फिसलकर गिरे.हालांकि, जेटली ने औपचारिक रूप से बिज़नेस टाइकून से मुलाक़ात की बात से इनकार कर दिया।
मीर सुहैल का कार्टून गिरफ्तार कश्मीरी पत्रकार आसिफ सुल्तान के साथ एकजुटता के लिए हैं, जो कथित तौर पर एक आतंकवादी हमले में शामिल था। जो श्रीनगर में स्थानीय समाचार पत्रिका में काम करता था. सुल्तान को 22 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में रखा गया है.
गणेश चतुर्थी के अवसर पर सतीश आचार्य ने अपने कार्टून में मारुति सुजुकी की “कितना देती हैं ” लाइन का उपयोग करके हाल में ईंधन की कीमतों में वृद्धि की प्रतिक्रिया दी हैं.
विजय माल्या के कहने के बाद की उन्होंने भारत छोड़ने से पहले अरुण जेटली से मुलाकात की, इसके बाद से भाजपा मंत्री की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जा रहे हैं. कार्टूनिस्ट मंजुल संसद में नेताओं के बीच बातचीत को दर्शाने के लिए व्यंग्य का उपयोग करते हैं.
आर.प्रसाद अपने प्रतिष्ठित कार्टून चरित्र को संसद के गलियारे में अरुण जेटली से मिलते हुए दर्शाते हैं. उनका कटाक्ष यह दर्शाता हैं कि अरुण जेटली ने विजय माल्या को लंदन जाने का सुझाव दिया था.
द टाइम्स ऑफ इंडिया में संदीप अध्वर्यु ने न्याय के कठिन मार्ग अपनाने के लिए केरल पुलिस की आलोचना की. बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर नन के रेप मामलें में अभियुक्त हैं और आख़िरकार काफी विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने उसे तलब कर लिया. पिछले महीने, केरल पुलिस ने उच्च न्यायालय को रेप के बारे में सूचित किया था, लेकिन मुलक्कल को गिरफ्तार नहीं किया गया था.
Read in English : Battle over Arun Jaitley-Vijay Mallya meeting & politics in educational institutions