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रविवार, 18 मई, 2025
होमलास्ट लाफ'कुंभकरण' अमित शाह और क्यों सेलिब्रिटीज़ स्थानीय मुद्दों को लेकर मुखर नहीं होते हैं

‘कुंभकरण’ अमित शाह और क्यों सेलिब्रिटीज़ स्थानीय मुद्दों को लेकर मुखर नहीं होते हैं

चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.

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दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून

आज के फीचर कार्टून में इरशाद कप्तान संकेत दे रहे हैं कि अमित शाह पौराणिक चरित्र ‘कुंभकरण’ के समान हैं जो सिर्फ चुनावों के सीजन में जागता है.

सतीश आचार्य अमित शाह द्वारा किए जा रहे वर्चुअल रैली पर निशाना साध रहे हैं.

सजिथ आचार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रहे हैं. पीएम ने कहा था कि ‘हर संकट एक अवसर लेकर आती है.’

मंजुल कह रहे हैं कि कोरोना के मामले लॉकडाउन के दौरान तुलनात्मक रूप से कम थे जबकि अनलॉक के बाद ये बढ़े हैं.

संदीप अध्वर्यू कलाकारों पर निशाना साध रहे हैं कि कैसे वो यूएस में नस्लभेद को लेकर मुखर हो रहे हैं लेकिन अपने ही देश में हो रही घटनाओं को लेकर चुप्पी साधे बैठे हैं.

(लास्ट लाफ्स अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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