दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
साजिथ कुमार सुझाव देते हैं कि स्थानीय मुद्दों को तवज्जो न देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सामने और केंद्र में रखने की भाजपा की रणनीति पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह राज्य हिमाचल प्रदेश मंहंगी पड़ी.
सतीश आचार्य ने पीएम मोदी द्वारा अपने राजनीतिक विरोधियों की आलोचना जिसमें उन्हें वह ‘शॉर्टकट की राजनीति’ – रेवाड़ी (मुफ्त उपहार) और पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली को लेकर आलोचना करते हैं का जिक्र करत हैं- जिसमें वह गुजरात में भाजपा की ऐतिहासिक जीत दर्शाते हैं पर पृष्ठभूमि में इसी को लेकर हिमाचल प्रदेश विधानसभा और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) बीजेपी की हार को लेकर तंज कसते हैं.
एमसीडी चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारण दिल्ली भाजपा प्रमुख आदेश गुप्ता के इस्तीफे का जिक्र करते हुए, आर. प्रसाद दर्शाते हैं कि कैसे भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व अपने सभी लोकप्रिय नेता – सांसद और केंद्रीय मंत्री – में गुप्ता का विकल्प खोजने के लिए के लिए संघर्ष कर रहा है.
बीबीसी हिंदी में कीर्तिश भट्ट नवगठित 182-सदस्यीय गुजरात विधानसभा, जिसमें 40 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं, पर अपनी राय देते हैं. उदाहरण के तौर पर वह एक आपराधिक मामले वाले निर्वाचित प्रतिनिधि यह कहते दिखाते हैं: ‘लोकतंत्र की यही खूबसूरती मुझे अच्छी लगती है. यहां किसी से भेदभाव नहीं होता.’
संदीप अध्वर्यु द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट का हवाला देते हैं जिसमें खुलासा किया गया था कि कैसे निर्भया फंड का इस्तेमाल कर खरीदी गई SUVs को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के विधायकों के साथ जाने के लिए एस्कॉर्ट वाहनों के रूप में तैनात किया गया था. निर्भया फंड महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने की पहलों के लागू करने के लिए एक सरकारी कोष है.
(इन कार्टून्स को अंग्रेजी में देखने के लिए यहां क्लिक करें