दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के फीचर कार्टून में, सतीश आचार्य सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक और तथ्य-जांचकर्ता मोहम्मद जुबैर को जमानत देने और सोशल मीडिया का उपयोग करने से रोकने से इनकार करने पर तंज कसते हैं. जुबैर कुछ ट्वीट्स को लेकर उत्तर प्रदेश और दिल्ली में पुलिस का सामना कर रहे हैं.
ईपी उन्नी मोहम्मद जुबैर को जमानत देते समय सुप्रीम कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की पीठ द्वारा उठाए गए रुख का उल्लेख करते हैं. अदालत ने जुबैर की याचिका को उसके खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकी को एक साथ क्लब करने की अनुमति दे दी और जांच को दिल्ली पुलिस विशेष सेल को स्थानांतरित कर दिया.
संदीप अध्वर्यु बताते हैं कि बुधवार कि शाम दिल्ली की तिहाड़ जेल से मोहम्मद जुबैर बाहर आये सुप्रीम कोर्ट ने जुबैर को जमानत दे दी है.
साजिथ कुमार का कहना है कि संसद एकमात्र ऐसा सदन नहीं है जहां बढ़ती कीमतों ने अराजकता पैदा की है. विपक्ष चालू मानसून सत्र के दौरान महंगाई पर चर्चा की मांग कर रहा है. भाजपा ने कहा है कि केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के कोविड-19 से ठीक होते ही वह चर्चा के लिए तैयार हैं.
कीर्तिश भट्ट ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के इस स्पष्टीकरण पर अपनी बात रखी है कि आटा, दही और गेहूं जैसे बड़े पैमाने पर खपत वाले सामानों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लागू नहीं होगा, यदि वे खुले में बेचे जाते हैं. भट्ट के कार्टून में महिला को एक दुकानदार से पूछते हुए देखा जा सकता है: वह कहती है कि ‘आटे का 5 किलो का पैकेट खोलो और मुझे उसमें से 2 किलो दो.’
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