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Thursday, 19 December, 2024
होमलास्ट लाफदो पटेल की कहानी और दिल्ली में दिवाली पर मंडराता प्रदूषण का बादल

दो पटेल की कहानी और दिल्ली में दिवाली पर मंडराता प्रदूषण का बादल

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दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून

(चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है.)

गोकुल गोपालकृष्णन । द एशियन एज

द एशियन एज में गोकुल गोपालकृष्णन सोचते हैं कि सरदार वल्लभभाई पटेल 182 मीटर की ऊंचाई से इस देश के लोगों देखकर क्या महसूस करते होंगे.

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आलोक निरंतर । ट्विटर

आलोक निरंतर दोनों पटेलों -लौह पुरुष सरदार पटेल और आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल पर मोदी सरकार के जोड़-तोड़ वाले रवैये का चित्रण करते हैं. सरकार और आरबीआई के विवाद को दर्शाते हैं.

इरफान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘उपलब्धियों’ पर कटाक्ष करते हैं. पहली सरदार पटेल की 182 मीटर की प्रतिमा और दूसरी उनकी 56 इंच की छाती.

मंजुल । फर्स्टपोस्ट

फर्स्टपोस्ट में मंजुल सुझाव देते हैं कि भारत में एकता उतनी ही खतरे में है जितनी संयुक्त राज्य अमेरिका में स्वाधीनता.

 

मीका अज़ीज़ । ट्विटर

मीका अज़ीज़ कल्पना करते हैं कि नरेंद्र मोदी की वादे की प्रतिमा सरदार पटेल के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से भी बड़ी है.

सतीश आचार्य । न्यूज़ स्टिंग

न्यूज़ स्टिंग में सतीश आचार्य टिप्पणी करते हैं कि सरकार के पास प्रतिमा बनाने के लिए पैसा है पर किसानों को जिनको जरूरत है उनको देने लिए कुछ नहीं है.

आर प्रसाद । इकोनॉमिक टाइम्स

इकोनॉमिक टाइम्स में आर. प्रसाद आशा करते हैं कि दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर लोगों दिवाली मनाने के लिए किसी अन्य स्थान पर चले जाना चाहिए.

बीबीसी हिंदी में कीर्तीश भट्ट सोचते हैं कि अगर सरदार पटेल की प्रतिमा दिल्ली में स्थापित हुई होती तो स्मॉग की वजह से अदृश्य हो जाती.

इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

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