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आज के फीचर कार्टून में आर. प्रसाद ने यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की निंदा करने वाले एक प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के वोट ना देने की तरफ इशारा किया है. यह नई दिल्ली के लिए पहली बार नहीं था, इसने कॉल्ड वॉर के दौरान कई बार इसी तरह के फैसले लिए थे, जब वह नॉन अलाइंड मूवमेंट का नेता था.
आलोक निरंतर भी रूस-यूक्रेन संघर्ष का जिक्र कर रहे हैं और उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की को दिखाया है जिन्होंने शक्तिशाली रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सामने अपनी जमीन नहीं छोड़ी है. इनके प्रतिरोध ने अपनी तरफ दुनिया भर का ध्यान आकर्षित किया है.
साजिथ कुमार ने रूस के खिलाफ कार्रवाई के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रयासों पर टिप्पणी की क्योंकि भारत जैसे देशों ने अधिक तटस्थ रुख अपनाया और यूरोपीय संघ शुरू में हिचकिचाया – मुख्य रूप से जर्मन अनिच्छा के कारण – मॉस्को के बैंकों को SWIFT से भी प्रतिबंधित किए जाने की पहल की.
सतीश आचार्य ने बेलारूस में यूक्रेनी अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए रूस की पेशकश का उल्लेख किया -जो अभी चल रही है- जबकि इसका सैन्य अभियान अभी बंद नहीं हुआ है. टैंक की मूंछ द्वारा एडॉल्फ हिटलर को दिखाया गया है.
पोलैंड में घुसने की कोशिश के दौरान फंसे हुए भारतीय छात्रों पर यूक्रेनी सीमा प्रहरियों द्वारा हमला किए जाने की खबरों के बीच, मंजुल ने दर्शा रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक शक्तिशाली विश्व नेता के रूप में पेश किया जा रहा है जो युद्ध को समाप्त करने में मदद कर सकता हैं.
नाला पोनप्पा भी यूक्रेन में युद्ध पर टिप्पणी कर रहे हैं, जबकि तंज कसने के लिए वो ‘नहीं’ के लिए रूसी शब्द nyet का प्रयोग कर रहे हैं.
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