दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून
चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है।
सिफी के मुख्य कार्टून में, सतीश आचार्य कर्नाटक में खेले जाने वाले पावर गेम का मजाक उड़ा रहे हैं, और दर्शा रहे हैं कि कैसे लंबे समय तक कट्टर प्रतिबन्धि रहे कांग्रेस और जेडी (एस) कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए अब सबसे अच्छे दोस्त बन गए हैं।
दैनिक भास्कर में, मंसूर नकवी ने राजनीतिक कार्टून के मौजूदा विषय को आगे बढ़ाते हुए और मजाक उड़ाते हुए दर्शाया है कि किस तरीके से फ्लोर टेस्ट कांग्रेस और बीजेपी द्वारा विधानसभा में संभाला गया था। मिड डे के कार्टून में मंजुल ने भी 15 मई को कर्नाटक चुनाव परिणाम के बाद हुए नाटक को दर्शाया है।
इंडियन एक्सप्रेस की मिका अज़ीज़, दो बड़ी हेडलाइंस को दर्शा रही हैं – बढ़ती हुई ईंधन की कीमतें और कर्नाटक में विधायकों की खरीद-फ्हरोख्त के आरोप – पेट्रोल की कीमतें बढ़ रही हैं लेकिन तब भी वह विधायकों को पाला बदलने के लिए दी जा रही अत्यधिक राशी से बोहोत कम है।
बीबीसी हिंदी में, क्रितिश भट्ट विश्वासमत के बारे में बात कर रहे हैं, वह दर्शा रहे हैं कि किस तरह से इन अभ्यासों के दौरान नेताओ की विश्वसनीयता पर सवाल उठते रहते हैं।