दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सबसे अच्छे भारतीय कार्टून।
चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है।
मुख्य कार्टून में, इन्डियन एक्सप्रेस के ई.पी. उन्ने ने कट्टरपंथी एफएसपीए कानून का मजाक उड़ाया। जबकि नरेंद्र मोदी शी जिनपिंग से मुलाकात कर रहे हैं, एफएसपीए कानून अत्यधिक महत्वपूर्ण है जो लोकतंत्र होने के बावजूद भारत में जारी है।
हिंदुस्तान टाइम्स में जयंतो उत्तर प्रदेश में गुरुवार को हुई दर्दनाक दुर्घटना को दिखाते हैं, जहाँ एक मानव रहित क्रॉसिंग पर एक स्कूल वैन, ट्रेन से टकरा गई जिसमें 13 मासूम बच्चों की मौत हो गई। जयंतो दिखाते हैं कि ये मौतें देश में मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर नियंत्रण की तरफ इशारा कर रही हैं।
दैनिक भास्कर में एक हास्यप्रद कार्टून में, मंसूर नकवी मध्य प्रदेश में कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे कमल नाथ का मजाक उड़ाते हैं, क्योंकि उनका नाम कमल है, जो भाजपा का चुनाव-चिन्ह भी है।
कार्टूनिस्ट नाला पोनप्पा भारत में अधिकांश मतदाताओं की इस वास्तविकता को दिखाते हैं, कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो किसके लिए मतदान करते हैं, वे उनके सत्ता में आने के बाद लगभग हमेशा मायूस हो जाते हैं।
एशियन ऐज में सुभानी बताती है कि भारत में जब घिनौने भाषणों की बात आती है तो राजनेता अपने आप को छोड़कर,लगभग हर किसी को दोषी ठहराते हैं।