दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सबसे अच्छे भारतीय कार्टून।
चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है।
आगामी कर्नाटक चुनाव राजनैतिक व्यंग्य के लिए एक प्रमुख विषय के रूप में उभर कर सामने आया है।
फर्स्ट पोस्ट में मंजुल ने सुझाव दिया है कि जेडी(एस) के प्रमुख देव गौड़ा के लिए नरेन्द्र मोदी द्वारा एक समारोह में की गई प्रशंसा संभावित गठबंधन के लिए संकेत हो सकती है, लेकिन बाद में गौड़ा ने गठबंधन की संभावनाओं से इंकार कर दिया था।
बीबीसी के कीर्तिश भट्ट ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब द्वारा की गई आलोचनात्मक टिप्पणी पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लगाम न लगाए जाने पर मजाक बनाया है। भट्ट सुझाव देते हैं कि नरेन्द्र मोदी अपने पार्टी के सदस्यों को नियंत्रित करने की तुलना में पार्टी की आर्थिक नीतियों के साथ अधिक जल्दबाजी में हैं। आर. प्रसाद ने सुझाव दिया है कि देब अपने बेतुके बयानों के कारण ’डम्बल’(बेवकूफ) हैं।
कार्टूनिस्ट नाला पोनप्पा ने मतदाताओं को लुभाने के लिए विभिन्न राजनीतिक पार्टियों द्वारा मतदाताओं को की गई धन की पेशकश पर उनकी क्षमता का मजाक उड़ाया है। अंत में उनका कहना है कि विचारधारा की तुलना में धन शक्ति अधिक बलवान है।
सजीथ कुमार ने भारत में वायु प्रदूषण की समस्या के बारे में प्राइमटाइम बहस पर तंज कसते हुए सुझाव दिया है कि हम लोग इस मुद्दे पर बहस जारी रखेंगें लेकिन असल में इस बारे में किया कुछ नहीं जाएगा।