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गुरूवार, 19 जून, 2025
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हरियाणा में बिजली संकट के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार: कांग्रेस

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चंडीगढ़, एक मई (भाषा) कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने रविवार को आरोप लगाया कि हरियाणा बिजली संकट का सामना कर रहा है, क्योंकि मनोहर लाल खट्टर नीत भाजपा सरकार निजी कंपनी अदानी पावर के साथ विद्युत खरीद समझौते को लागू नहीं कर पाई है। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार उलटा गुजरात की एक प्राइवेट कंपनी को प्रतिदिन करीब 114 लाख यूनिट तक हरियाणा की बिजली भेज रही है, वो भी शायद मुफ्त में।

हरियाणा के पूर्व ऊर्जा मंत्री सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि बिजली की अपर्याप्त आपूर्ति की वजह से ग्रामीण और शहरी उपभोक्ता तथा औद्योगिक क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और रोजाना 12 से 20 घंटे बिजली कटौती हो रही है।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि राज्य को अदानी पावर, मुंद्रा, गुजरात से 2021 से समझौते के तहत 1,424 मेगावाट बिजली नहीं मिल रही है।

उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘खट्टर सरकार अदानी पावर, मुंद्रा, गुजरात द्वारा आपूर्ति की जाने वाली 1,424 मेगावाट बिजली में से एक मेगावाट भी प्राप्त नहीं कर सकी है।’’

सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा सरकार उलटे प्रतिदिन 114 लाख यूनिट तक बिजली अदानी पावर, गुजरात को दे रही है। उन्होंने कहा कि पहली नजर में तो लगता है कि मुंद्रा, गुजरात को बिजली निर्यात के एवज में हरियाणा के राजकोष में एक भी पैसा नहीं आया।

उन्होंने कहा कि क्या ‘‘हरियाणा के लोग गुजरात में आगामी चुनावों के कारण उस राज्य को हरियाणा की बिजली की आपूर्ति के लिए इतनी भीषण गर्मी में 12 से 20 घंटे की असामान्य बिजली कटौती’ का सामना कर रहे हैं।’’

सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा की विद्युत कंपनियों ने सात अगस्त, 2008 को अदानी पावर, मुंद्रा, गुजरात से 25 साल तक 2.94 रुपये प्रति यूनिट की दर पर 1,424 मेगावाट बिजली की आपूर्ति के लिए विद्युत खरीद समझौता (पीपीए) किया था।

उन्होंने कहा कि बिजली की आपूर्ति के लिए मुंद्रा, गुजरात में अदानी के विद्युत संयंत्र से महेंद्रगढ़, हरियाणा तक एक विशेष बिजली लाइन डाली गयी थी।

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘अदानी पावर के साथ पीपीए होने के बावजूद खट्टर सरकार ने एमबी पावर, मध्य प्रदेश और आरकेएम पावर छत्तीसगढ़ से 5.70 रुपये और 5.75 रुपये प्रति किलोवाट घंटा की दर से बिजली खरीद के लिए तीन साल का करार किया।’’

उन्होंने कहा कि नॉर्दन रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर (एनआरएलडीसी) से मिले आंकड़े दर्शाते हैं कि महेंद्रगढ़ (हरियाणा) से मुंद्रा (गुजरात) को बिजली भेजी जा रही है, जबकि मुंद्रा से महेंद्रगढ़ बिजली आनी चाहिए थी।

उन्होंने कहा कि एनआरएलडीसी की 9 अप्रैल से 29 अप्रैल की दैनिक रिपोर्ट दर्शाती हैं कि हरियाणा की बिजली उलटा मुंद्रा जा रही है। सुरजेवाला ने दावा किया कि एक जनवरी, 2022 से 8 अप्रैल, 2022 के बीच कोई बिजली आपूर्ति नहीं की गयी।

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘यह हरियाणा की जनता के अधिकारों पर दिन-दहाड़े डकैती और सरकारी खजाने की लूट है। यह ऐसे में एक अक्षम्य अपराध है, जब हरियाणा के सामने बिजली संकट है। मुख्यमंत्री को इस पर जवाब देना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि यह पीपीए हरियाणा सरकार के लिए कानूनी रूप से लागू किये जाने वाला अधिकार है और यह सरकार हरियाणा के हितों को नुकसान पहुंचा रही है तथा राज्य के मुख्यमंत्री जवाबदेह हैं। सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा सरकार इतनी असहाय क्यों है कि अपने समझौते को लागू नहीं कर रही।

उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने भी प्रधानमंत्री, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री और हरियाणा तथा गुजरात के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर पीपीए को लागू करने में चूक की ओर इशारा किया है।

भाषा वैभव वैभव दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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