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Wednesday, 16 July, 2025
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हमारे सपनों के नए भारत को आकार देने के लिए संसद को प्रभावी साधन होना चाहिए: नायडू

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नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) संसदीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाने के लिए राज्य सभा की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि नए भारत को आकार देने के लिए संसद को एक प्रभावी साधन होना चाहिए।

राज्य सभा दिवस मनाने के लिए संसद के पुस्तकालय भवन में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नायडू ने संसद सदस्यों से अनुशासन का पालन करने, समर्पित रहने और बहस के स्तर को बढ़ाने का आह्वान किया। राज्यसभा दिवस तीन अप्रैल को मनाया जाता है। तीन अप्रैल, 1952 को राज्य सभा का गठन किया गया था।

राज्य सभा के सभापति नायडू ने संसद के उच्च सदन को देश की लोकतांत्रिक राजनीति के स्तंभों में से एक बताया और कहा कि राज्य सभा के गठन के 70 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित यह समारोह भारत की लोकतांत्रिक यात्रा की उल्लेखनीय प्रगति का प्रतिबिंब है।

उन्होंने कहा कि देश इस वर्ष अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में भी मना रहा है। आने वाले समय में उच्च सदन की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी संसद उस नए भारत को आकार देने के लिए एक प्रभावी साधन बने जिसका हम सपना देख रहे हैं।’

नायडू ने कहा कि राज्य सभा को अन्य लोकतांत्रिक निकायों के लिए अनुकरणीय उच्च मानक स्थापित करने हैं। उन्होंने इस बात का स्मरण दिलाया कि राज्य सभा के कामकाज को और अधिक प्रभावी और उत्पादक बनाने के लिए उन्होंने प्रयास किया।

उन्होंने कहा कि उनके प्रयासों का अंतर्निहित आशय राज्यसभा को विश्व में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले संसदीय संस्थानों में से एक संस्था के रूप में और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाना है।

नायडू ने कहा कि कि राज्य सभा ने 70 साल की अपनी शानदार यात्रा में 256 सत्र आयोजित किए। नायडू ने 243वें सत्र के बाद से राज्य सभा की कार्यवाही की अध्यक्षता करने को अपना विशेष सौभाग्य बताया।

उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान उच्च सदन के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने में राज्य सभा सचिवालय के कर्मचारियों की की भूमिका की सराहना की।

इस अवसर पर राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश ने संसद की संस्था के प्रति अडिग निष्ठा, पूर्ण समर्पण और अनुशासन के लिए राज्य सभा सचिवालय के अधिकाररयों की सराहना की। उन्होंने केंद्रीय विधान सभा के प्रथम भारतीय अध्यक्ष विट्ठलभाई पटेल के योगदान को भी रेखांकित किया।

भाषा अविनाश माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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