चेन्नई, 18 अप्रैल (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन, उनके दामाद वी. सबरिसन और अन्य के खिलाफ अन्नाद्रमुक नेता एवं विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पी. वी. जयरामन की ओर से शुरू किये गये दीवानी मुकदमे की सुनवाई पर सोमवार को रोक लगा दी।
जयरामन ने तमिलनाडु के कोयम्बटूर जिले में यौन उत्पीड़न के एक मामले के सिलसिले में क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर मुकदमा दायर किया है।
न्यायमूर्ति एम. दुरईसामी एवं न्यायमूर्ति टी वी तमिलसेल्वी ने सबरिसन की ओर से दायर याचिका पर आज अंतरिम आदेश पारित करते हुए सुनवाई पर रोक लगायी।
जयरामन ने द्रमुक अध्यक्ष स्टालिन एवं अन्य के खिलाफ एक करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि स्टालिन एवं अन्य ने 2019 के पोलाची यौन उत्पीड़न कांड से उनके संबंध होने की बात कही थी।
जयरामन के अनुसार, झूठी खबरों के आधार पर स्टालिन ने गलतबयानी करते हुए उनके बेटे का नाम यौन उत्पीड़न कांड से जोड़ा था। यह सब उनकी छवि खराब करने के लिए किया गया था।
सबरिसन ने अपनी अर्जी में इसे राजनीतिक रूप से प्रेरित मामला करार देते हुए सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की थी।
खंडपीठ ने सुनवाई पर रोक लगाने के साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 जून की तारीख मुकर्रर की।
भाषा सुरेश मनीषा
मनीषा
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.