बीजापुर, 20 मई (भाषा) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार को सिलगेर घटना की जांच रिपोर्ट मिली है, अध्ययन के बाद इसमें आगे का फैसला किया जाएगा।
पिछले वर्ष सिलगेर गांव में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच कथित गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई थी।
बघेल ने शुक्रवार को अपने जनसंपर्क अभियान ‘भेंट—मुलाकात’ के दौरान बीजापुर में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘सिलगेर घटना की (जांच) रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी गई है और इसका अध्ययन किया जा रहा है। अध्ययन के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा।’
बघेल ने कहा, ”सिलगेर की घटना के बाद, मैंने क्षेत्र के सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों से बात की थी तथा विभिन्न विकास कार्यों के लिए लगभग छह सौ करोड़ रुपए मंजूर किये थे। वहां सड़कों और स्कूल भवनों का निर्माण किया गया, नलकूप खोदे गए, आंगनवाड़ी केंद्र और क्षेत्र में सार्वजनिक वितरण की दुकानें (पीडीएस) खोली गईं। आज सिलगेर गांव तक बस पहुंच रही है। यह सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है कि वहां के लोगों को बस सुविधा मिल रही है। जहां पहुंचना कठिन था वहां आवागमन की सुविधाएं दी जा रही है।”
पिछले वर्ष 17 मई को जब ग्रामीण सुकमा और बीजापुर जिले की सीमा पर स्थित सिलगेर गांव के करीब नए पुलिस शिविर का विरोध कर रहे थे तब कथित पुलिस की गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई थी और पांच अन्य घायल हो गए थे।
घटना के बाद पुलिस ने दावा किया था कि प्रदर्शनकारियों के बीच छिपे नक्सलियों ने शिविर पर गोलियां चलाईं थी जिसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने मारे गए तीन लोगों की पहचान नक्सली सदस्यों के रूप में की थी।
हालांकि ग्रामीणों का कहना था कि सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की थी तथा मारे गए लोग नक्सली नहीं थे।
बाद में सुकमा जिले के जिलाधिकारी विनीत नंदनवार ने 24 मई को उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में सिलगेर घटना की दंडाधिकारी जांच का आदेश दिया था।
इधर राज्य के सामाजिक संगठनों ने घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। घटना के बाद से सिलगेर और आसपास के गांवों के लोग लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
भाषा सं संजीव संजीव राजकुमार
राजकुमार
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