नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) केंद्र ने समलैंगिक विवाह को विभिन्न कानूनों के तहत मान्यता देने संबंधी याचिकाओं पर दिल्ली उच्च न्यायालय में कार्यवाही का सीधा प्रसारण (लाइव स्ट्रीमिंग) किये जाने का अनुरोध करने वाली एलजीबीटीक्यू जोड़ों की एक याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि यह मामला राष्ट्रीय महत्व का नहीं है।
केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा कि आवेदक कार्यवाही के सीधा प्रसारण के जरिए सहानुभूति हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं।
उसने कहा कि न्याय देने का उन लोगों की संख्या पर कोई असर नहीं पड़ता है जो अदालती कार्यवाही देखते हैं या ऐसी कार्यवाही को दिखाने वाले यूट्यूब चैनल को ‘सब्सक्राइब’ करते हैं।
हलफनामे में कहा गया है, ‘‘अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में अदालती कार्यवाही की ‘लाइव स्ट्रीमिंग’ से भारत की तुलना गलत है।’’
अदालत कई समलैंगिक जोड़ों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिसमें विशेष विवाह अधिनियम, हिंदू विवाह अधिनियम और विदेशी विवाह अधिनियम के तहत उनके विवाह को मान्यता देने की घोषणा किये जाने का अनुरोध किया गया है।
इस मामले में उच्च न्यायालय में कुल आठ याचिकाएं दायर की गई हैं।
भाषा
देवेंद्र सिम्मी
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