पुणे, 25 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र में विपक्षी दल भाजपा पर निशाना साधते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि सत्ता गंवाने के बाद कुछ लोग चिंतित हो रहे हैं।
पवार ने एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से कहा कि यह अच्छी बात है कि राज्य सरकार ने धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला किया है और अगर बैठक से कुछ अच्छा निकलता है तो वह बहुत खुश होंगे।
वर्ष 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद, शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद साझा करने के मुद्दे पर लंबे समय से सहयोगी रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़ लिया था। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने राज्य में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार बनाने के लिए राकांपा और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था।
विपक्षी नेताओं के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि महाराष्ट्र में मौजूदा स्थिति में राष्ट्रपति शासन की आवश्यकता है, पवार ने कहा कि यह सच है कि सत्ता से बाहर होने के बाद कुछ लोग चिंतित हो रहे हैं।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह कोई नई बात नहीं है। हर कोई मेरे जैसा नहीं है। वर्ष 1980 में हमारी (राज्य) सरकार बर्खास्त होने के बाद, मुझे देर रात साढ़े 12 बजे इसके बारे में बताया गया था। मैंने तुरंत अपने दोस्तों के साथ (मुख्यमंत्री) आवास खाली कर दिया और अगले दिन किसी अन्य स्थान पर चले गए। हम सभी वानखेड़े स्टेडियम में एक क्रिकेट मैच देखने गए और पूरे दिन का आनंद लिया था।’’
राकांपा प्रमुख ने कहा कि सत्ता आती है और जाती है, चिंता करने की जरूरत नहीं है। मुंबई में हुई कुछ घटनाओं को लेकर भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल के केंद्रीय गृह सचिव से मिलने के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि यह स्पष्ट है कि कुछ ‘‘चिंतित लोग’’ जाएंगे और अपने विकल्प तलाशेंगे, लेकिन इस संबंध में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है।
राज्य की राजधानी में हाल में धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल और ‘हनुमान चालीसा’ के पाठ को लेकर राजनीतिक विवाद देखा गया था।
पवार ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी हमेशा दी जाती है, लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकलता है। अगर मध्यावधि चुनाव की स्थिति पैदा होती है, तो हाल में कोल्हापुर उपचुनाव परिणाम से पता चलता है कि किस तरह का परिणाम होगा।’’
महाराष्ट्र की कोल्हापुर उत्तर विधानसभा सीट के उपचुनाव में हाल में कांग्रेस ने भाजपा को हराकर सीट बरकरार रखी थी।
भाषा
देवेंद्र नरेश
नरेश
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