नयी दिल्ली, नौ मई (भाषा) केंद्रीय क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं के तहत धन के उपयोग के नियमों में संशोधन के साथ सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीलैड्स) निधि पर अर्जित ब्याज का उपयोग संसद सदस्य विकास कार्यों के लिए नहीं कर सकते।
वित्त मंत्रालय के एमपीलैड्स सहित केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) के तहत धन के प्रवाह के लिए संशोधित प्रक्रिया के अनुसार, सभी ब्याज आय अनिवार्य रूप से भारत की संचित निधि में जमा की जानी चाहिए।
लोकसभा और राज्यसभा सचिवालयों द्वारा संशोधित प्रक्रियाओं के बारे में सांसदों को सूचित कर दिया गया है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सांसद जॉन ब्रिटास ने नई प्रक्रियाओं पर कड़ी आपत्ति जताई है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस फैसले को वापस लेने का आग्रह किया है।
संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना कोष (सांसद निधि) के तहत प्रत्येक सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र में हर साल पांच करोड़ रुपये के खर्च वाले विकास कार्यक्रमों की सिफारिश कर सकता है।
कोविड-19 महामारी को देखते हुए पिछले साल अप्रैल 2020 से नवंबर तक इस योजना को निलंबित कर दिया गया था
भाषा नेत्रपाल माधव
माधव
नेत्रपाल
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.