नोएडा (उप्र), 30 अप्रैल (भाषा) विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने शनिवार को आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के नोएडा में ‘‘गैर कानूनी तरीके से कई मजार बना दिये गये हैं।’’ साथ ही, विहिप ने इन्हें हटाने की मांग की है तथा ऐसा नहीं करने पर राज्यव्यापी प्रदर्शन करने की चेतावनी दी।
दक्षिणपंथी संगठन ने अपने कार्यकर्ताओं और युवा इकाई बजरंग दल के सदस्यों के खिलाफ दर्ज कथित ‘‘झूठे मामलों’’ को भी वापस लेने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि विहिप की ओर से यह यह मांग अलग-अलग समुदायों के दो नाबालिगों की संलिप्तता वाले मामले को लेकर नोएडा में पुलिस और विहिप-बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प के दो दिन बाद की गई है। अधिकारियों के मुताबिक इस झड़प में कम से कम पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
अधिकारियों ने बताया कि एक ज्ञात आरोपी सहित 50 से 60 लोगों के खिलाफ दंगा करने और ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों पर हमला करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है जबकि दक्षिणपंथी संगठन के कई कार्यकर्ताओं को कुछ समय के लिए नोएडा सेक्टर 39 थाना में हिरासत में रखा गया।
विहिप के मरेठ जोन के महासचिव राज कमल गुप्ता ने शनिवार को जारी बयान में झड़प के बारे में कहा कि घटना तब हुई, जब बजरंग दल के सदस्य ‘‘इन मजारों’’ के संदर्भ में नोएडा प्राधिकरण और गौतमबुद्ध नगर जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर लौट रहे थे।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने नोएडा सेक्टर 39 पलिस थाने के बाहर ‘‘विहिप-बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर हमला करने की कोशिश की।’’
गुप्ता ने आगे आरोप लगाया कि सादे कपड़े में मौजूद लोगों ने कार्यकर्ताओं की पिटाई की। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने बाद में बताया कि सादे कपड़ों में मौजूद व्यक्ति पुलिसकर्मी हैं।
गुप्ता ने कहा, ‘‘हमारे कार्यकर्ताओं को झूठे मामले में फंसाने की कोशिश निंदनीय है।’’उन्होंने कहा कि इसने नोएडा पुलिस की छवि धूमिल की है।
गुप्ता ने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि उन पुलिसकर्मियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए जिन्होंने पुलिस थाने के बाहर विहिप-बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के सीने पर बंदूक तानकर हत्या करने की धमकी दी थी और कार्यकर्ताओं पर गलत आरोप लगाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। यथाशीघ्र सभी मामलों को वापस लिया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में लचर रुख अपनाया गया तो विहिप और बजरंग दल कार्यकर्ता ‘‘ पूरे हिंदू समाज के साथ राज्यव्यापी प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।’’
भाषा धीरज सुभाष
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