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Monday, 30 September, 2024
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रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत पर पश्चिमी देशों का भारी दबाव था: राजनयिक

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चेन्नई, 20 अप्रैल (भाषा) रूस के एक राजनयिक ने बुधवार को यहां कहा कि रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों के भू-राजनीतिक खेल और यूक्रेन के साथ संघर्ष के बाद रूस को अलग-थलग करने के लिए भारत पर पश्चिमी देशों का जबरदस्त दबाव था।

दक्षिण भारत में रूसी महावाणिज्यदूत ओलेग अवदीव ने पश्चिमी देशों के इस विचार को बेतुका करार दिया और कहा कि दुनिया अत्यधिक जटिल हो चुकी है और पश्चिमी देशों की योजनाएं विफल हो चुकी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘वे (पश्चिमी देश) अंतरराष्ट्रीय कानून के सार्वभौम मानदंडों और सिद्धांतों के आधार पर न्यायसंगत और समान बहुध्रुवीयता, जिसमें कोई दोहरा मापदंड और टकराव का रवैया नहीं होना चाहिए, पर आधारित स्वतंत्र राष्ट्रों की अपरिवर्तनीय पसंद को स्पष्ट रूप से कम आंकते हैं।’’

अधिकारी ने दक्षिण भारत में रशियन फेडरेशन महावाणिज्य दूतावास द्वारा यहां आयोजित रूस-भारतीय राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ पर कार्यक्रम को संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट था कि भारत और अन्य समान विचारधारा वाले देश पश्चिमी दबाव के आगे झुकने वाले नहीं थे और संयुक्त राष्ट्र एवं इसकी सुरक्षा परिषद और अन्य प्रारूपों में द्विपक्षीय व बहुपक्षीय रूप से अपने वैध राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ थे।

रूस और भारत के विदेश मंत्रियों की हालिया बैठक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों ने एक नयी वास्तविकता के अनुकूलन पर ध्यान केंद्रित करते हुए द्विपक्षीय संबंधों और आगे बढ़ाने की पारस्परिक प्रतिबद्धता को दोहराया।

उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में, हम रूबल-रुपया योजना का विस्तार करने और अपने बैंकिंग सहयोग और भुगतान प्रणालियों को समायोजित कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि व्यावहारिक और पारस्परिक रूप से लाभप्रद आर्थिक साझेदारी निर्बाध बनी रहे।’’

भाषा सुरभि सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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