नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे एवं लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम के खिलाफ चीन के 250 नागरिकों को वीजा दिलवाने के लिए 50 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में एक नया मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सीबीआई ने मंगलवार की सुबह चेन्नई सहित देश के अन्य शहरों में स्थित, कार्ति चिदंबरम के 10 ठिकानों पर छापेमारी शुरू की।
अधिकारियों ने बताया कि चेन्नई में तीन, मुंबई में तीन, कर्नाटक, पंजाब, दिल्ली और ओडिशा में एक-एक ठिकाने पर छामेपारी की जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई का एक दल कार्ति चिदंबरम और उनके पिता, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद पी. चिदंबरम के यहां लोधी एस्टेट स्थित आधिकारिक आवास पर भी पहुंचा।
कार्ति ने विस्तृत जानकारी दिए बिना ट्वीट किया, ‘‘ अब तो मैं गिनती भी भूल गया हूं कि कितनी बार ऐसा हुआ है? शायद यह एक रिकॉर्ड होगा। ’’
अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि कार्ति चिदंबरम को संयुक्त प्रगतिशील गठबन्धन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल के दौरान ‘तलवंडी साबो बिजली परियोजना’ के लिए जुलाई-अगस्त 2011 में चीन के 250 नागरिकों को वीजा दिलवाने के लिए 50 लाख रुपये की रिश्वत मिली थी। उस समय पी.चिदंबरम वित्त मंत्री थे।
साथ ही अधिकारियों ने बताया कि पंजाब में बिजली परियोजना की स्थापना के लिए चीन की एक कम्पनी के साथ अनुबंध किया गया था, लेकिन उसका काम तय समय से पीछे चल रहा था । उन्होंने बताया कि परियोजना के लिए कामगारों की जरूरत थी, लेकिन सीमित संख्या में ही विदेशी नागरिकों को ‘वर्क परमिट’ दिया जा सकता था। आरोप है कि कम्पनी ने कार्ति से सम्पर्क किया, जिन्होंने अपने प्रभाव का फायदा उठाते हुए अधिकृत संख्या का उल्लंघन कर वीजा दिलवाया।
उन्होंने बताया कि कार्ति चिदंबरम के खिलाफ यह जांच, आईएनएक्स मीडिया मामले की जांच के दौरान कुछ संबंधित सुराग मिलने पर शुरू की गई। कांग्रेस के सांसद आईएनएक्स मीडिया में विदेशी निवेश के लिए कथित तौर पर विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने के आरोप में आपराधिक मामलों का सामना भी कर रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि लेन-देन की जांच के दौरान सीबीआई को 50 लाख रुपये की संदिग्ध राशि का पता चला, जो कथित तौर पर एक संयंत्र में काम करने वाले चीन के श्रमिकों को वीजा दिलवाने के वास्ते ली गई थी।
भाषा निहारिका मनीषा
मनीषा
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