बेंगलुरु, 17 मई (भाषा) कर्नाटक राज्य निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को उच्च न्यायालय से कहा कि राज्य सरकार ने उससे उसकी शक्तियां ले ली हैं, इसलिए वह उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुरूप जिला पंचायत और तालुक पंचायत के लिए चुनाव कराने में समर्थ नहीं है।
कर्नाटक उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति एसजी पंडित और न्यायमूर्ति एमजी उमा की अवकाशकालीन खंडपीठ ने मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयोग की याचिका पर सुनवाई की।
पिछले हफ्ते शीर्ष अदालत ने जिला और तालुक पंचायतों के चुनाव तुरंत कराने के निर्देश दिये थे। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने आपात स्थिति का हवाला देते हुए लंबित याचिका पर सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष एक ज्ञापन दायर किया।
उच्च न्यायालय ने आयोग के वकील से पूछा कि सर्वोच्च अदालत के निर्देश का पालन करने के बजाय उसके समक्ष ज्ञापन क्यों दायर किया गया।
इसके जवाब में अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने निर्वाचन आयोग से निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन और आरक्षण सूची तैयार करने की शक्तियां वापस ले ली हैं। अधिवक्ता ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग इन शक्तियों के बिना चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने में असमर्थ है।
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से काम पूरा कर लिये जाने के बावजूद राज्य सरकार ने परिसीमन और आरक्षण के लिए एक अलग पैनल गठित किया था। राज्य निर्वाचन आयोग ने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने पाया कि याचिका की विस्तृत जांच आवश्यक है और सुनवाई 23 मई तक के लिए स्थगित कर दी।
भाषा संतोष दिलीप
दिलीप
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