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Monday, 4 November, 2024
होमदेशमहंत को पालकी में लेकर शोभायात्रा निकालने पर प्रतिबंध, मदुरै अधीनम ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील की

महंत को पालकी में लेकर शोभायात्रा निकालने पर प्रतिबंध, मदुरै अधीनम ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील की

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मदुरै (तमिलनाडु), तीन मई (भाषा) मदुरै अधीनम श्री ला श्री हरिहर श्री ज्ञानसंबंदा देसिका स्वामीगल के 293वें महंत ने मंगलवार को कहा कि धरमापुरम अधीनम का शैव सम्प्रदाय के लोगों के लिए वही महत्व है जो कैथोलिक ईसाइयों के लिए वेटिकन सिटी का है। साथ ही, इस प्राचीन शैव मठ की परंपरा का सम्मान करना चाहिए, ना कि विरोध।

धरमापुरम अधीनम के महंत को अनुयायियों द्वारा पालकी में लेकर निकाले जाने वाली वार्षिक पट्टिना प्रवेशम शोभायात्रा पर राजस्व अधिकारियों के रोक लगाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन को हस्तक्षेप करना चाहिए और कार्यक्रम का आयोजन होने देना सुनिश्चित करना चाहिए।

कार्यक्रम मई के अंतिम सप्ताह में होना है।

मदुरै अधीनम ने दावा किया, ‘‘यह कार्यक्रम लोगों की अपने गुरु के प्रति सम्मान का प्रतीक है और वे स्वेच्छा से गुरु को अपने कंधों पर लेकर चलते हैं। ’’

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि कार्यक्रम सदियों से होता आ रहा है और इसे ब्रिटिश राज के दौरान तथा देश की आजादी के बाद सभी मुख्यमंत्रियों ने भी अनुमति दी थी।

उन्होंने कहा, ‘‘यह दावा करते हुए कि उक्त परंपरा मानव की गरिमा को प्रभावित करती है, कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाना निंदनीय है। धार्मिक परंपराओं में हस्तक्षेप करना निंदनीय है। मैं मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से पट्टिना प्रवेशम कराने की जिम्मेदारी लेने का आग्रह करता हूं। ’’

उल्लेखनीय है कि मयीलादुथुरई जिले के राजस्व अधिकारियों ने संविधान के अनुच्छेद 23 का हवाला देते हुए निषेधाज्ञा जारी कर दी है और कहा कि कार्यक्रम नहीं किया जा सकता क्योंकि लोगों से पालकी ढोने को कहा जाता है।

भाषा

सुभाष उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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