(तस्वीर सहित)
भोपाल, 15 जुलाई (भाषा) मध्यप्रदेश में नर्सिंग महाविद्यालयों में कथित घोटाले के खिलाफ सोमवार को मुख्यमंत्री आवास तक मार्च निकाल रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस द्वारा दागे गए आंसू गैस के गोले और छोड़ी गई पानी की बौछारों से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, एनएसयूआई नेता और कई अन्य कार्यकर्ता घायल हो गए।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए पानी की बौछार किये जाने, आंसू गैस के गोले दाो जाने और लाठी चार्ज किए जाने का दावा किया जबकि पुलिस ने लाठियां भांजने के आरोपों को खारिज कर दिया।
पुलिस ने कहा कि 30 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया था और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने नर्सिंग कॉलेज घोटाला, नीट प्रश्नपत्र लीक विवाद और अग्निपथ योजना के विरोध में मार्च का आयोजन किया था। पटवारी और कांग्रेस के अन्य कई नेताओं और विधायकों ने भी इसमें हिस्सा लिया।
पटवारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मेरी (दाहिनी) कोहनी पर टांके लगे हैं। लाठीचार्ज में मुझे चोट आईं। मैं कल पुलिस में शिकायत दर्ज कराऊंगा।’’
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों और जनता के हित में एनएसयूआई का विरोध जारी रहेगा।
एनएसयूआई नेता आशुतोष चौकसे भी प्रदर्शन के दौरान जख्मी हो गए। शहर के एक अस्पताल में उनके इलाज कराने की तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई।
भोपाल (नगर जोन 1) की पुलिस उपायुक्त प्रियंका शुक्ला ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने 30 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया और मुचलके जमा किए जाने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।’’
उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के दो गोले दागे गए और पानी की बौछारें छोड़ी गईं, लेकिन लाठी चार्ज नहीं किया गया।
मध्यप्रदेश में एनएसयूआई के समन्वयक रवि परमार कथित नर्सिंग घोटाले को उजागर करने वालों में हैं। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पुलिस ने विरोध प्रदर्शन को कुचलने के लिए बल प्रयोग किया।
परमार ने कहा, ‘‘हम पुलिस कार्रवाई और नर्सिंग घोटाले में शामिल मध्यप्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएंगे।’’
कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में दोपहर को पार्टी कार्यालय पर एकत्र हुए थे और बाद में मुख्यमंत्री के सरकारी आवास की ओर जाने लगे।
हालांकि, पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर अवरोधक लगाए थे और प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोक दिया।
प्रदर्शनकारियों ने जब पुलिस द्वारा लगाए अवरोधकों पर चढ़ने और घेरा तोड़ने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें छोड़ीं।
पटवारी ने संवाददाताओं से बाचतीत में कहा, ‘‘भाजपा मध्यप्रदेश के लोगों को संदेश दे रही है कि आप हमें वोट दें और हम आपके बच्चों की जिंदगी खराब करते रहेंगे। अब समय आ गया है कि लोग भाजपा के अत्याचार के खिलाफ उठ खड़े हों।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पुलिसिया कार्रवाई की निंदा करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा कि यह प्रदर्शन करने के जनता तथा विपक्ष के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने 30 मई को 169 नर्सिंग महाविद्यालयों का पुनः निरीक्षण करने का निर्देश दिया था, जिन्हें सीबीआई ने घोटाला मामले में क्लीन चिट दे दी थी। अदालत ने यह आदेश दो सीबीआई अधिकारियों द्वारा अनुकूल रिपोर्ट के बदले संस्थानों से कथित तौर पर रिश्वत लेते पकड़े जाने के मद्देनजर दिया था।
सीबीआई ने घोटाले से संबंधित मामलों में 13 लोगों को गिरफ्तार किया है।
भाषा वैभव राजकुमार
राजकुमार
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