कोलकाता, दो जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने 2019 में सदन द्वारा पारित उस विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करने के लिए मंगलवार को राजभवन की आलोचना की, जिसका उद्देश्य भीड़ द्वारा हत्या को रोकना और अपराध में शामिल लोगों को दंडित करना है।
उनकी यह टिप्पणी राज्य में हाल में भीड़ द्वारा चार लोगों को पीट-पीट कर मार डालने की घटनाओं के बाद आई है।
अगस्त 2019 में विधानसभा ने वामपंथी और कांग्रेस विधायकों के समर्थन से पश्चिम बंगाल (भीड़ हत्या रोकथाम) विधेयक पारित किया था। उस समय केवल तीन विधायकों वाली भाजपा ने न तो विधेयक का समर्थन किया और न ही इसका विरोध किया।
विधेयक पारित होने के बावजूद तत्कालीन राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं किए और इसे पुनर्विचार के लिए विधानसभा को वापस नहीं भेजा गया।
विधानसभा अध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘विधेयक पर राज्यपाल को हस्ताक्षर करना चाहिए था। अगर ऐसा होता, तो शायद हमें पश्चिम बंगाल में भीड़ द्वारा हत्या की घटनाएं नहीं देखनी पड़तीं, क्योंकि इससे रोकथाम होती।’’
विधेयक में अपराध की गंभीरता के आधार पर मृत्युदंड तथा तीन वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।
बिमान बनर्जी ने कहा, ‘‘राज्यपाल विधेयक पर हस्ताक्षर कर सकते हैं, हस्ताक्षर नहीं कर सकते हैं या उसे विधानसभा में वापस भेज सकते हैं। लेकिन इनमें से कुछ भी नहीं हुआ। यहां तक कि सरकारिया आयोग ने भी कहा है कि किसी विधेयक को अनिश्चितकाल तक रोके रखना उसके उद्देश्य को कमजोर करता है।’’
भाषा शफीक प्रशांत
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