कोलकाता, 20 अप्रैल (भाषा) भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (जेडएसआई) के वैज्ञानिकों ने पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सेंचल वन्यजीव अभयारण्य में करीब 90 साल बाद एक दुर्लभ प्रजाति के मोनाल पक्षी का पता लगाया है।
जेडएसआई के निदेशक धृति बनर्जी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि इतने लंबे समय बाद पक्षी की दुर्लभ प्रजाति (सैटियर ट्रैगोपान) को ”दोबारा खोजा” जाना बेहद उत्साहजनक खबर है।
वर्ष 1915 में बना सेंचल वन्यजीव अभ्यारण्य भारत के सबसे पुराने अभयारयण में शुमार है जोकि दार्जिलिंग शहर के बाहरी हिस्से में है।
बयान के मुताबिक, नर मोनाल (सैटियर ट्रैगोपान) भारत में पाए जाने वाले सबसे सुंदर और दुर्लभतम पक्षियों में से एक है। इस पक्षी की यह प्रजाति दार्जिलिंग जिले के नेओरा वैली राष्ट्रीय उद्यान और सिंगालिला राष्ट्रीय उद्यान में पायी जाती है।
बयान के मुताबिक, स्थानीय स्तर पर मोनाल कहा जाने वाला यह पक्षी दार्जिलिंग के पास इस क्षेत्र में पिछली बार वर्ष 1933 में 7,000-8,000 फुट की ऊंचाई पर वैज्ञानिकों द्वारा देखा गया था।
भाषा
शफीक उमा
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