नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा ) कांग्रेस ने पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती की घोषणा के बाद शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार को ‘आंकड़ों की बाजीगरी’ करने की बजाय ईंधन पर उत्पाद शुल्क को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय के स्तर पर लाना चाहिए।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया कि सरकार ने पिछले 60 दिनों में पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में 10-10 रुपये की बढ़ोतरी की और अब आठ एवं सात रुपये की कटौती की गयी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में आठ रुपये की कटौती की जाएगी और डीजल पर सात रुपये उत्पाद शुल्क घटाया जाएगा। सरकार के इस फैसले के बाद अब पेट्रोल 9.5 रुपये सस्ता हो जाएगा। वहीं डीजल भी सात रुपये सस्ता हो जाएगा।
इस घोषणा के बाद सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘वित्त मंत्री जी , आज पेट्रोल की कीमत 105.41 रुपये प्रति लीटर है। आप कहती हैं कि कीमत 9.50 रुपये कम हो जाएगी। 21 मार्च, 2022 को पेट्रोल की क़ीमत 95.41 रुपये प्रति लीटर थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 60 दिनों में आपने पेट्रोल की कीमत 10 रुपये प्रति लीटर बढ़ाई और 9.50 रुपये प्रति लीटर की कमी की। आप (वित्त मंत्री) लोगों को बेवकूफ मत बनाइये।’’
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘आज डीजल का दाम 96.67 रुपये प्रति लीटर है, आप कहती हैं कि आपने 7 रुपये प्रति लीटर की कमी कर दी। 21 मार्च, 2022 को डीजल का दाम 86.67 रुपये प्रति लीटर था। आपने 60 दिनों में डीजल की कीमत 10 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी और फिर सात रुपये कम किया।’’
उनके अनुसार, ”मई, 2014 में डीजल पर उत्पाद शुल्क 3.56 रुपये प्रति लीटर था, 21 मई, 2022 को उत्पाद शुल्क 21.80 रुपये प्रति लीटर है। आपने (वित्त मंत्री) पिछले आठ वर्षों में डीजल पर उत्पाद शुल्क में 18.24 रुपये की बढ़ोतरी की।’’
सुरजेवाला ने कहा, ‘देश को आंकड़ों की बाजीगरी की जरूरत नहीं है। देश को जुमले नहीं चाहिए। देश को जरूरत इस बात की है कि पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क घटाकर मई, 2014 के स्तर पर लाया जाए यानी 9.48 रुपये प्रति लीटर किया जाए। इसी तरह डीजल पर उत्पाद शुल्क को घटाकर 3.56 रुपये प्रति लीटर किया जाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘छलावा बंद करिये और लोगों को राहत देने का साहस दिखाइए।’’
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि वास्तविक कटौती तब होगी, जब केंद्र सरकार उस सेस में कीम करे जोकि वह पेट्रोल और डीजल पर वसूल करता है और इसे राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री का राज्यों से कर कम करने का आह्वान करना निरर्थक है।
चिदंबरम ने कहा, ”जब वह (वित्त मंत्री) केंद्रीय उत्पाद शुल्क में एक रुपये की कटौती करती हैं, तो उस रुपये में से 41 पैसे राज्यों का होता है। यानी केंद्र ने 59 पैसे और राज्यों ने 41 पैसे की कटौती की है। इसलिए, उन पर उंगली मत उठाइये।”
भाषा शफीक देवेंद्र
देवेंद्र
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