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शनिवार, 7 जून, 2025
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न्यायालय ने मानहानि मामले में शिकायतकर्ता के साथ विवाद सुलझाने के लिए केजरीवाल को दिया समय

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नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि की कार्यवाही पर रोक की अवधि सोमवार को बढ़ा दी ताकि पक्षों को समझौते की संभावना तलाशने का समय मिल सके।

केजरीवाल ने मई 2018 में यूट्यूबर ध्रुव राठी द्वारा प्रसारित एक कथित अपमानजनक वीडियो को रीट्वीट करने के लिए आपराधिक मानहानि मामले में उन्हें जारी किए गए समन को बरकरार रखने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि पहले से लगाई गई अंतरिम रोक अगले आदेश तक जारी रहेगी। केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि 11 मार्च को सुनवाई के बाद दोनों पक्ष समझौते पर चर्चा के लिए एक-दूसरे से संपर्क नहीं कर सके।

शिकायतकर्ता के वकील विकास सांकृत्यायन ने कहा कि पिछली सुनवाई के बाद किसी ने उनसे संपर्क नहीं किया। पीठ ने वकील से कहा कि अब केजरीवाल का पक्ष शिकायतकर्ता से संपर्क करेगा और उसने मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त से शुरू होने वाले सप्ताह में तय कर दी।

शीर्ष अदालत ने 11 मार्च को केजरीवाल से पूछा था कि क्या वह शिकायतकर्ता से माफी मांगना चाहते हैं?

केजरीवाल ने 26 फरवरी को शीर्ष अदालत से कहा था कि उन्होंने यूट्यूबर राठी द्वारा प्रसारित भाजपा आईटी सेल से संबंधित कथित अपमानजनक वीडियो को रीट्वीट करके गलती की थी।

शिकायतकर्ता सांकृत्यायन की ओर से पेश वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि केजरीवाल सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ या इंस्टाग्राम पर माफी मांग सकते हैं।

शीर्ष अदालत ने 26 फरवरी को उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर नोटिस जारी किए बिना शिकायतकर्ता से पूछा था कि याचिकाकर्ता द्वारा यह स्वीकार करने के बाद कि यह एक गलती थी, क्या वह इस मामले को बंद करना चाहते हैं।

शीर्ष अदालत ने निचली अदालत से अगले आदेश तक केजरीवाल से जुड़े मानहानि मामले की सुनवाई नहीं करने को कहा था।

उच्च न्यायालय ने केजरीवाल को तलब करने के निचली अदालत के 2019 के आदेश को रद्द करने से इनकार करते हुए कहा था कि जब कोई सार्वजनिक हस्ती मानहानिकारक पोस्ट ट्वीट करती है, तो इसका प्रभाव कहीं अधिक होता है।

मुख्यमंत्री ने उच्च न्यायालय में कहा था कि निचली अदालत यह समझने में विफल रही कि उनके ट्वीट का उद्देश्य शिकायतकर्ता को नुकसान पहुंचाना नहीं था।

सांकृत्यायन ने दावा किया कि ‘बीजेपी आईटी सेल पार्ट दो’ शीर्षक वाला यूट्यूब वीडियो जर्मनी में रहने वाले राठी द्वारा प्रसारित किया गया था ‘जिसमें कई झूठे और अपमानजनक आरोप लगाए गए थे।’’

भाषा आशीष नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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