नयी दिल्ली, 12 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें कन्नड़ समाचार चैनल ‘पावर टीवी’ के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाया गया था। न्यायालय ने कहा कि यह मामला ‘पूरी तरह राजनीतिक प्रतिशोध’ से प्रेरित नजर आता है।
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि समाचार चैनल के खिलाफ मामला प्रथमदृष्टया चैनल को राज्य में राजनीतिक हस्तियों से जुड़े ‘सेक्स स्कैंडल’ के आरोपों को प्रसारित करने से रोकने के उद्देश्य से दर्ज किया गया है।
‘मेसर्स पावर स्मार्ट मीडिया प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा दायर याचिका पर केंद्र और अन्य को नोटिस जारी करते हुए पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश पर सोमवार तक रोक लगा दी और मामले की अगली सुनवाई निर्धारित की।
पीठ ने कहा कि न्यायालय अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करेगा और चैनल को अपना प्रसारण जारी रखने का अधिकार है जिसे रोका नहीं जाना चाहिए था।
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह मामला मूल लाइसेंसधारक द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को अनधिकृत रूप से लाइसेंस देने से संबंधित है।
पीठ ने कहा कि केंद्र निश्चित रूप से कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकता है।
इसने कहा, ‘‘जितना अधिक हम आपको सुनते हैं, उतना ही हमें विश्वास होता है कि यह राजनीतिक प्रतिशोध है, मैं बहुत ईमानदारी से यह कहना चाहता हूं। यही कारण है कि हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए इच्छुक हैं।’’
पीठ ने कहा कि चैनल राज्य में ‘सेक्स स्कैंडल’ से संबंधित कुछ आरोपों को प्रसारित करना चाहता था।
चैनल ने जद (एस) नेता प्रज्वल रेवन्ना और अन्य से जुड़े हाल के सेक्स स्कैंडल आरोपों से संबंधित समाचार कथित तौर पर प्रसारित किया था।
चैनल ने कर्नाटक उच्च न्यायालय की खंडपीठ के आदेश को लेकर अप्रसन्नता जाहिर की।
खंडपीठ ने चैनल के प्रसारण के खिलाफ एकल पीठ द्वारा पारित स्थगन आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था।
उच्च न्यायालय ने जद (एस) के विधानपरिषद सदस्य एच एम रमेश गौड़ा और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर यह आदेश पारित किया था।
उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 26 जून को चैनल के संचालन पर रोक लगा दी थी। केंद्र ने चैनल को उसके लाइसेंस से संबंधित कुछ आरोपों के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
भाषा
देवेंद्र माधव
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