तिरुवनंतपुरम, 30 अप्रैल (भाषा) केरल में विपक्षी दल कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रदेश के मुख्य सचिव को भारतीय जनता पार्टी-शासित गुजरात की नियंत्रण प्रणाली (डैशबोर्ड) समझने के लिए वहां भेजा जाना इस दक्षिणी राज्य में सत्तारूढ़ एलडीएफ सरकार और भाजपा के बीच एक साल से जारी ‘अपवित्र’ संबंधों को प्रदर्शित करता है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य के सर्वोच्च पद पर आसीन अधिकारी का गुजरात दौरा केरल में भाजपा और माकपा की साजिश का हिस्सा है, जो इस साल के अंत में (गुजरात में) होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के शासन को राष्ट्रीय मान्यता देने की साजिश है।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने तिरुवल्ला में संवाददाताओं से कहा कि यह देखकर अजीब लगता है कि कभी ‘केरल मॉडल’ के विकास पर गर्व करने वाले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता अब ‘गुजरात मॉडल’ की प्रशंसा कर रहे हैं।
सतीशन ने कहा कि केरल के मुख्य सचिव की यात्रा के संबंध में राष्ट्रीय मीडिया में खबर आई है कि यहां तक कि कम्युनिस्ट सरकार भी गुजरात में भाजपा के शासन की प्रशंसा कर रही है।
इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नीथला ने आरोप लगाया कि सरकारी तंत्र का इस्तेमाल विकास की डैशबोर्ड प्रणाली का अध्ययन करने के लिए नहीं, बल्कि संघ परिवार की ‘सांप्रदायिक विभाजनकारी नीतियों’ के अध्ययन के लिए किया गया था।
राज्य के लोगों ने पहले कई बार देखा था कि कैसे माकपा और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने संघ परिवार से हाथ मिलाया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाया था, और मुख्य सचिव को गुजरात भेजा जाना उस रिश्ते की निरंतरता थी।
यह आरोप लगाते हुए कि विजयन माकपा-भाजपा संबंधों के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक हैं, उन्होंने बताया कि एसएनसी लवलिन मामला 2018 से उच्चतम न्यायालय में लंबित है, लेकिन इसे 20 से अधिक बार स्थगित किया चुका है। इस मामले में विजयन आरोपी थे।
चेन्नीथला ने कहा कि यहां तक कि सीबीआई ने भी मामले में तत्काल सुनवाई की जरूरत को लेकर अपना रुख बदल लिया है।
भाषा सुरेश सुभाष
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