चेन्नई, 14 जुलाई (भाषा) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से कहा है कि उनकी पार्टी मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ के अभ्यर्थियों को इंसाफ दिलाने की लड़ाई लड़ रही है। राज्य सरकार ने रविवार को यह जानकारी दी।
स्टालिन को लिखे पत्र में गांधी ने कहा कि उन्होंने पिछले एक महीने में ऐसे हजारों विद्यार्थियों से मुलाकात की है जो केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की ‘बड़ी विफलता’ से प्रभावित हुए हैं।
गांधी के हवाले से राज्य सरकार ने कहा, ‘‘24 लाख विद्यार्थियों को त्वरित इंसाफ मिलना चाहिए। ’’
सरकार ने कहा कि कांग्रेस नेता ने 28 जून, 2024 को नीट के विषय पर उन्हें पत्र भेजने के लिए स्टालिन को धन्यवाद देते हुए जवाबी चिट्ठी लिखी।
गांधी ने कहा कि विशेष रूप से चार जून 2024 को नीट-यूजी परिणाम की अग्रिम घोषणा के बाद, कांग्रेस विद्यार्थियों के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ रही है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि नीट ने उच्च शिक्षा ढांचे में ‘स्पष्ट खामियों’ को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि इसने हाशिये पर रह रहे वर्ग के विद्यार्थियों पर पड़े असर की ओर ध्यान आकृष्ट किया है।
सरकार ने कहा कि अपने पत्र में गांधी ने नीट पर संसद में अपने हाल के संबोधन का हवाला दिया है जिसमें गरीब विद्यार्थियों की खराब स्थिति को देश के सामने लाया गया क्योंकि वे कोचिंग सेंटर जाने का खर्च नहीं उठा सकते हैं और उनके पास प्रतिस्पर्धा के लिए समान अवसर नहीं होता है।
गांधी ने पत्र में कहा, ‘‘कर के पैसे से संचालित सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों में केवल कुछ विशेषाधिकार प्राप्त लोगों (अभ्यर्थियों) के प्रवेश को रोकना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।’’
नीट में अनियमितताओं का हवाला देते हुए स्टालिन ने 28 जून को दिल्ली, पंजाब, पश्चिम बंगाल समेत विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी पत्र लिखा था और उनसे अपनी अपनी विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर केंद्र से नीट को खत्म करने की अपील करने का अनुरोध किया था।
इससे पहले तमिलनाडु विधानसभा ने ऐसा ही प्रस्ताव पारित किया था।
भाषा राजकुमार वैभव
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