नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी में अब हालात सामान्य हो रहे हैं और रोजमर्रा की तरह स्थानीय लोगों की आवाजाही देखी जा सकती है। हालांकि, इलाके में सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती है।
जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों में हिंसक झड़प हो गई थी, जिसमें आठ पुलिसकर्मी और एक स्थानीय निवासी घायल हुए। पुलिस के मुताबिक, झड़प के दौरान पथराव हुआ और कुछ वाहनों को आग लगा दी गई।
शांति और सद्भाव का संदेश देने के मद्देनजर रविवार को जहांगीरपुरी में स्थानीय हिंदू और मुसलमान निवासियों ने एक तिरंगा यात्रा निकाली थी। यह यात्रा सी-ब्लॉक इलाके में निकाली गई, जहां शोभायात्रा वाले दिन दोनों समुदायों के बीच झड़प हुई थी।
सी ब्लॉक में कपड़े की दुकान चलाने वाले मोहम्मद शाहिद ने कहा कि अब हालात सामान्य हैं लेकिन बाहर से आने वाले लोग फिलहाल इलाके से दूरी बना रहे हैं।
उन्होंने कहा, ” यहां हालात अब पूरी तरह सामान्य हैं। इलाके के कुछ गेट सुरक्षा कारणों से बंद हैं और पुलिसकर्मी वहां बैठे हैं। रमजान का महीना चल रहा है और लोग खरीददारी के लिए बाजार आते हैं। हालांकि, इलाके से बाहर के ग्राहक इस घटना के कारण फिलहाल यहां नहीं आ रहे, जिससे हमारे कारोबार पर असर पड़ा है।”
वहीं, जहांगीपुरी के कुछ स्थानीय लोग 16 अप्रैल को हुई घटना के लिए ”बाहरी” लोगों को जिम्मेदार ठहराते हैं।
मिठाई की दुकान चलाने वाले पवन कुमार सोनी ने कहा कि इलाके में विभिन्न समुदायों के लोग एक-साथ रहते हैं और उन्होंने पिछले 25 वर्षों में इनके बीच कोई झगड़ा नहीं देखा।
उन्होंने कहा, ”मैं पिछले 25 साल से यह मिठाई की दुकान चला रहा हूं लेकिन पहले कभी ऐसा (दंगे) नहीं हुआ। हमारा यहां किसी से कोई मतभेद नहीं है। तिरंगा यात्रा सफलतापूर्वक निकाली गई और इलाके में हालात सामान्य हैं।”
सी-ब्लॉक में रहने वाले लल्लू कुमार ने कहा, ”मैं एक मुसलमान की मोबाइल की दुकान पर काम करता हूं और मुझे कभी किसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा। यह दुकान मेन रोड पर है जोकि बंद है और इस कारण हमारा कारोबार प्रभावित हो रहा है।”
कुमार ने कहा, ”हम यहां शांतिपूर्वक रहे हैं ओर पूर्व में कभी ऐसा (दंगे) नहीं हुआ। 16 अप्रैल को कुछ बाहरी लोग यहां कानून-व्यवस्था बिगाड़ने के लिए आये थे।”
वहीं, पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिमी) उषा रंगनानी ने कहा, ”मौजूदा हालात के आधार पर सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की जा रही है और इसके अनुसार ही हम कोई फैसला करेंगे।”
भाषा
शफीक उमा
उमा
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.