नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) दिल्ली सचिवालय में एक जून से एकल उपयोग प्लास्टिक से बनी वस्तुओं पर रोक लग जाएगी। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को यह जानकारी दी।
राय ने बताया कि दिल्ली सचिवालय में एकल उपयोग प्लास्टिक पर रोक राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध से एक महीने पहले ही प्रभावी हो जाएगी।
राय ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दिल्ली सचिवालय परिसर में एकल उपयोग प्लास्टिक के विकल्प जैसे कागज से बने प्लेट, कप, स्ट्रा का इस्तेमाल हो। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों से लिखकर फेंके जाने वाली कलम, एकल प्रयोग प्लास्टिक से बने बोतल से बचने को कहा जाएगा और उनके स्थान पर कुल्हड़, स्टील के ग्लास या कागज के बने कप का प्रयोग करने को कहा जाएगा।
साथ ही सचिवालय में एकल प्रयोग बैनर और पोस्टर पर भी रोक रहेगी। धातु, बांस और कागज जैसी सामग्री से बनी चीजों का इस्तेमाल को प्राथमिकता दी जाएगी जिनका फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल अगस्त में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी करके पॉलिस्ट्रीन सहित चिह्नित एकल उपयोग प्लास्टिक के उत्पादों के विनिर्माण, आयात, भंडारण और वितरण, बिक्री और इस्तेमाल पर एक जुलाई 2022 से रोक लगाने की घोषणा की थी।
चिह्नित एकल प्रयोग प्लास्टिक के सामान में कान साफ करने की डंडी, गुब्बारों में लगने वाली प्लास्टिक की डंडी, चॉकलेट आइसक्रीम की प्लास्टिक की डंडी, पॉलिस्ट्रीन (थर्माकोल) से बने प्लेट, कप, ग्लास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे, मिठाई के डिब्बों को लपेटने के लिए पन्नी, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम मोटे प्लास्टिक या पीवीसी के बैनर शामिल हैं।
दिल्ली में इन वस्तुओं के निर्माताओं, खुदरा विक्रेताओं, आम लोगों और दुकानदारों को पहले ही निर्देश दिया है कि वे 30 जून 2022 तक इन वस्तुओं का भंडार अपने यहां से हटा दें।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने कच्चे माल के सभी निर्माताओं को प्रतिबंधित एकल उपयोग प्लास्टिक (एसयूपी) उत्पादों के उपयोग में लगे लोगों को प्लास्टिक की वस्तुओं की आपूर्ति बंद करने के लिए भी कहा है।
दिल्ली सरकार ने एसयूपी के उन्मूलन करने और प्लास्टिक कचरा प्रबंधन संशोधित नियम, 2021 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए पिछले साल एक राज्य स्तरीय कार्यबल का गठन किया था।
भाषा अमित पवनेश
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