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Monday, 18 November, 2024
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दिल्ली महिला आयोग ने एमसीडी संचालित स्कूलों को ‘डरावना घर’ करार दिया

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नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने दिल्ली नगर निगम(एमसीडी) संचालित कुछ स्कूलों का औचक निरीक्षण करने और वहां सुरक्षा तथा साफ-सफाई की समुचित सुविधा नहीं पाए जाने के बाद उन्हें ‘डरावना घर’ करार दिया।

एक स्कूल परिसर में डीसीडब्ल्यू ने 20 और 21 मई को निरीक्षण किया, जिसके बाद उसने दावा किया कि उसकी टीम को सीरिंज, ड्रग्स, सिगरेट के डिब्बे, गुटखे के रैपर और शराब की टूटी हुई बोतलें भी मिलीं।

इस महीने की शुरुआत में भजनपुरा में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के एक स्कूल में दो लड़कियों से कथित रूप से यौन उत्पीड़न का मामला सामने आने के बाद डीसीडब्ल्यू ने स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा की स्थिति की जांच शुरू करने के कुछ दिनों बाद निरीक्षण किया।

भाई मंदीप नागपाल निगम विद्यालय, अरुणा नगर (उत्तर), निगम प्रतिभा सह शिक्षा विद्यालय, केवल पार्क (उत्तर), पूर्वी दिल्ली नगर निगम प्रतिभा विद्यालय, मुस्तफाबाद (पूर्व) और दक्षिण दिल्ली नगर निगम प्राथमिक सह बाल बालिका विद्यालय, संजय कॉलोनी, भाटी माइंस (दक्षिण) वे स्कूल हैं जिनका निरीक्षण किया गया।

डीसीडब्ल्यू ने कहा कि उसकी टीम ने इन चारों स्कूलों के द्वार को खुला देखा और वहां कोई सुरक्षा गार्ड नहीं था। केवल पार्क स्कूल के परिसर में सीरिंज, ड्रग्स और शराब की टूटी बोतलें मिलने के बाद डीसीडब्ल्यू ने कहा कि उसने इस मामले में ‘‘तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने की सिफारिश की है।’’

डीसीडब्ल्यू ने कहा है कि अधिकतर स्कूल भवन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और बच्चों के लिए असुरक्षित हैं। डीसीडब्ल्यू ने कहा, ‘‘अरुणा नगर के स्कूल में छत और दीवारों के हिस्से कई बार ढह चुके हैं और कई बार दुर्घटना होते-होते बची है। भाटी माइंस में भीषण गर्मी में बच्चे टिन के नीचे बैठने को विवश हैं।’’

डीसीडब्ल्यू ने पाया कि स्कूलों में एक भी सीसीटीवी कैमरा चालू नहीं था और शौचालय ‘‘बेहद गंदे’’ थे। डीसीडब्ल्यू ने आरोप लगाया, ‘‘कई शौचालय के दरवाजे टूटे हुए थे या अंदर से बंद नहीं किए जा सकते थे, जो बच्चों की सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर गंभीर चिंता का विषय है। भाटी माइंस के स्कूल में बालिकाओं के शौचालयों पर ताला लगा हुआ था और शौचालयों में पानी का कनेक्शन नहीं होने के कारण लड़के-लड़कियां खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं।’’

डीसीडब्ल्यू ने इस संबंध में एमसीडी आयुक्त को नोटिस जारी कर 30 मई तक विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। डीसीडब्ल्यू ने स्कूलों की ‘दयनीय’ स्थिति के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का ब्योरा भी मांगा है और एमसीडी से उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।

डीसीडब्ल्यू की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा, ‘‘ये स्कूल ‘डरावने घर’ हैं जहां छात्र और शिक्षक बेहद असुरक्षित हैं। बिना सुरक्षा गार्ड और सीसीटीवी के स्कूल कैसे चल सकता है? आज की दुनिया में एमसीडी ऐसे स्कूल संचालित कर रही है जहां लड़कियां खुले में शौच के लिए मजबूर हैं। स्थिति बेहद चिंताजनक है और बच्चों के भविष्य की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।’’

भाषा आशीष नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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