नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने मंगलवार को डीएमआरसी और डीटीसी के संचालन में ‘अधिक तालमेल’ बैठाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि मास रैपिड ट्रांजिट नेटवर्क के विस्तार के साथ सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने और यात्रियों के लिए सफर को सुगम बनाने की खातिर यह बेहद आवश्यक है।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के 28वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में यहां मेट्रो भवन में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुमार ने इस बात पर भी जोर दिया कि जरूरी तालमेल को हासिल करने के लिए पूरे नेटवर्क में कॉमन मोबिलिटी कार्ड का पूर्ण कार्यान्वयन जरूरी है।
हाल ही में दिल्ली के मुख्य सचिव के रूप में कार्यभार संभालने वाले कुमार ने कहा कि कई साल पहले उन्होंने सरकार को ‘दिल्ली मेट्रो और डीटीसी को एकीकृत करने’ का सुझाव दिया था, लेकिन इस पर विचार नहीं किया गया।
कुमार के मुताबिक, ‘‘अगर हम दोनों को एकीकृत नहीं कर सकते तो हम यकीनन मेट्रो और बसों के संचालन के अलावा शेड्यूलिंग सेवाओं के बीच अधिक तालमेल ला सकते हैं। प्रौद्योगिकी के विकास के साथ सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल को बढ़ाना होगा।’’
कार्यक्रम में आवासीय एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) के सचिव मनोज जोशी ने अपने संबोधन में डीएमआरसी को ‘दिल्ली में उत्कृष्टता के द्वीप’ के रूप में वर्णित किया। उन्होंने भी बेहतर तालमेल के साथ काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
जोशी ने कहा, ‘‘पहले एक शून्य था और कोई उस तरह से काम कर सकता था, लेकिन अब अगर हम अलग-अलग काम करते हैं और एकीकृत तरीके से नहीं तो सभी को नुकसान होगा। यही नहीं, हम तालमेल का लाभ भी नहीं उठा पाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि मेट्रो नेटवर्क, भारतीय रेलवे और नई दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के बीच अधिक तालमेल की जरूरत है, ताकि यात्रियों को अधिक सुविधाएं प्रदान की जा सकें।
जोशी के मुताबिक, नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से जोड़ने वाला फुट-ओवर-ब्रिज एक स्वागत योग्य कदम था, जिसने लोगों को सुविधा प्रदान की है।
उन्होंने यह भी कहा कि रिंग रोड की तरफ से सराय काले खां में बन रहे मल्टीमोडल ट्रांसपोर्ट कॉम्प्लेक्स में प्रवेश की व्यवस्था पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए और इसे लेकर उचित योजना बनाई जानी चाहिए।
डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक विकास कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि डीएमआरसी और डीटीसी अपने संचालन में एकीकरण का प्रयास कर रहे हैं तथा मुख्य सचिव ने दोनों एजेंसियों के बीच संचालन में अनिवार्य रूप से अधिक तालमेल बैठाने पर जोर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘तो हम यह कह सकते हैं कि अगर कोई व्यक्ति किसी मेट्रो स्टेशन पर उतर रहा है तो उसे उन बसों का समय पता होगा, जो निकटतम स्थान से ली जा सकती हैं।’’
दिल्ली के मुख्य सचिव ने अपने संबोधन में ‘लास्ट-माइल कनेक्टिविटी’ को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया, जिससे लोग सार्वजनिक परिवहन का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित होंगे।
उन्होंने डीटीसी बस मार्ग संख्या 620 का उदाहरण दिया, जो वसंत कुंज से कनॉट प्लेस के बीच चलती है और कैसे लोगों को शुरुआत में इस पर संदेह था, लेकिन यह उनके लिए एक बहुत ही उपयोगी एवं सुविधाजनक सेवा साबित हुई है।
कुमार ने कहा, ‘‘लोग ‘पसंद नहीं, बल्कि मजबूरी’ के चलते दुपहिया और चारपहिया वाहन अधिक चलाते हैं। और मान लीजिए कि अगर 10,000 बसों को दिल्ली मेट्रो सेवाओं के साथ एकीकृत किया जाता है, तो राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर न केवल भीड़भाड़ कम हो जाएगी, बल्कि स्वच्छ आबोहवा भी सुनिश्चित हो सकेगी।’’
भाषा पारुल दिलीप
दिलीप
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