चेन्नई, 26 जून (भाषा) तमिलनाडु विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ई. के. पलानीस्वामी समेत अखिल भारतीय अन्नाद्रविड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के विधायकों को सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालने के कारण बुधवार को मौजूदा सत्र से निलंबित कर दिया गया।
मंगलवार को एक दिन के लिए निलंबित हुए विपक्षी दल के सदस्य काली टी-शर्ट पहनकर आज सदन पहुंचे और उन्होंने कल्लाकुरिची जहरीली शराब त्रासदी मामले को फिर से उठाने की कोशिश की तथा इस मुद्दे पर चर्चा के लिए लिए कार्य स्थगन की मांग की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष एम अप्पावु ने कहा कि वह इस मामले पर फैसला लेंगे।
अन्नाद्रमुक के विधायक ज्वलंत मुद्दे पर जल्द से जल्द चर्चा कराने पर जोर देते हुए खड़े होकर प्रदर्शन करने लगे।
अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों को अपनी सीट पर वापस जाने का कई बार अनुरोध किया, इसके बाद भी जब सदस्य हंगामा करते रहे। इसके बाद अध्यक्ष ने उन्हें सदन से बाहर निकालने का आदेश दिया।
इसके बाद सदन ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर अन्नाद्रमुक के सदस्यों के मौजूदा सत्र के अंतिम दिन 29 जून तक शेष कार्यवाही से निलंबित कर दिया।
निलंबन के फैसले के बाद अध्यक्ष ने अन्नाद्रमुक के सदस्यों पर सदन में समस्या खड़ी करने के इरादे से आने और बहस में भाग लेने के इच्छुक नहीं होने का आरोप लगाया।
अप्पावु ने कहा, ‘‘अन्नाद्रमुक के सचेतक ने यह मुद्दा उठाने के लिए नोटिस दिया था, लेकिन वह मेरा जवाब सुनने के लिए तैयार नहीं थे। इसके बजाय, उन्होंने (प्रश्नकाल के दौरान) कार्यवाही बाधित किया और अपने आचरण से सदन की मर्यादा को ठेस पहुंचाई।’’
मौके पर मौजूद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि हालांकि सदन कल्लाकुरिची शराब त्रासदी पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन पलानीस्वामी ही इसके लिए तैयार नहीं हैं।
स्टालिन ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है जैसे वह सदन छोड़कर बाहर जाने और मीडिया को संबोधित करने में अधिक रुचि रख रहे हैं।’’
विधानसभा भवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि मुख्य विपक्ष को कल्लाकुरिची में जहरीली शराब पीने से हुई दुखद मौतों का मुद्दा उठाने से रोकने का जानबूझकर प्रयास किया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम पिछले पांच दिनों से इस मुद्दे को उठाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार अनुमति दी जाएगी, लेकिन जब हमने नियमों के अनुसार काम किया तो उन्होंने अनुमति देने से इनकार कर दिया।’’
उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि क्या विधानसभा में सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के लिए अलग-अलग नियम हो सकते हैं।
भाषा यासिर सुरेश
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