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(किशोर द्विवेदी)
नोएडा (उत्तर प्रदेश), 24 अप्रैल (भाषा) उत्तर प्रदेश में समाज कल्याण मंत्रालय ने राज्य के ट्रांसजेंडर लोगों के लिए अपनी तरह की पहली स्वैच्छिक पंजीकरण प्रणाली लाने का प्रस्ताव रखा है जिसका लक्ष्य इस वंचित तबके के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाने और उन्हें लागू करना है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने राज्य की ट्रांसजेंडर आबादी के कल्याण के लिए 200 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव किया है जिसके तहत उन्हें शिक्षा प्रदान करने, मूलभूत सुविधाओं से युक्त कॉलोनियां विकसित करने और समुदाय के बुजुर्ग सदस्यों के पुनर्वास की सुविधा आदि पर खर्च किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 18 अप्रैल को राज्य सरकार के अधिकारियों से ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के लिए कल्याणकारी कदम उठाने को कहा था।
मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल में योगी आदित्यनाथ ने 2021 में राज्य में ‘ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड’ का गठन किया था।
उत्तर प्रदेश में ट्रांसजेंडर की आबादी करीब 20 लाख है और इनमें से ज्यादातर के पास शिक्षा और जीविका के बेहद सीमित साधन उपलब्ध हैं।
हालांकि, ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की पहली बैठक समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण की अध्यक्षता में 19 अप्रैल, 2022 को हुई। बोर्ड की उपाध्यक्ष सोनम चिश्ती और सदस्यों टीना मां, किरण बाबा, मधु और डॉक्टर सत्यप्रकाश सिंह ने लखनऊ में हुई बैठक में हिस्सा लिया।
मंत्रालय के सूत्रों ने पीटीआई…भाषा को बताया, ‘‘उत्तर प्रदेश में ट्रांसजेंडर समुदाय के कल्याण और विकास के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव किया गया है। इसमें से करीब 25 करोड़ रुपये समुदाय के युवाओं की शिक्षा पर खर्च किए जाएंगे।’’
सूत्र ने बताया, ‘‘स्वैच्छिक पंजीकरण राज्य में ट्रांसजेंडर लोगों की पहचान करने और यूआईडी (आधार कार्ड) में उनका पंजीकरण कराने के लिए की जाएगी, ताकि वे सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकें। यह कार्य उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में किया जाएगा और डेटाबेस तैयार करके उसे केन्द्र सरकार के साथ भी साझा किया जाएगा।’’
मंत्रालय सरकार के अन्य विभागों को ट्रांसजेंडर समुदाय की कॉलोनियों के लिए सड़क, पानी और बिजली का कनेक्शन आदि देने में तेजी लाने के लिए भी पत्र लिखेगा।
सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने वृद्धाश्रमों जैसा ट्रांसजेंडर समुदाय के बुजुर्गों के लिए ‘गरिमा गृह’ बनाने का प्रस्ताव रखा है ताकि वे गरिमामय जीवन जी सकें।
उन्होंने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की बैठक के बाद मंत्रालय ने मुख्यमंत्री के साथ पिछले सप्ताह हुई समीक्षा बैठक में राज्य सरकार के समक्ष प्रस्ताव पेश किया है।
सरकार के फैसले के बाद ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए स्वैच्छिक पंजीकरण शुरू होगा।
भाषा अर्पणा सुभाष अर्पणा सुभाष दिलीप
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