नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में क्षयरोग (टीबी) की रोकथाम के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के रिकॉम्बिनेंट बीसीजी (आर बीसीजी) टीके को आपात उपयोग की अनुमति (ईयूए) देने पर विचार करेगी।
सीडीएससीओ भारत का औषधि नियामक है।
एसआईआई के सरकारी और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने 22 मार्च को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को आपात उपयोग की अनुमति के लिये आवेदन जमा किया था।
भारत के टीबी टीकाकरण कार्यक्रम के तहत फिलहाल बच्चे के जन्म के समय या एक साल की आयु तक बीसीजी का टीका लगाया जाता है।
सिंह ने पत्र में लिखा कि एसआईआई पहले ही सरकार को सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत न्यूमोकोक्कल, आईपीवी और रोटावायरस समेत जीवन रक्षक टीकों की आपूर्ति करता है।
पुणे स्थित एसआईआई सरकार को बीसीजी टीकों की आपूर्ति करने वाली कुछ कंपनियों में शामिल है।
सिंह ने पत्र में लिखा, ‘‘हमारी सरकार टीबी उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है। हमारे देश से 2025 तक टीबी को समाप्त करने के प्रधानमंत्री के आह्वान से टीबी-मुक्त भारत की सोच को बल मिला है।’’
एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार, सिंह ने आवेदन में लिखा कि एसआईआई के सीईओ अदार सी पूनावाला के नेतृत्व में कंपनी नवजात, शिशुओं, किशोरों और वयस्कों के लिए किफायती दाम पर सुरक्षित, प्रभावी एवं उच्च गुणवत्ता वाले विश्वस्तरीय ट्यूबरवैक-आरबीसीजी टीके को उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
भाषा वैभव दिलीप
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