जयपुर, 26 अप्रैल (भाषा) राजस्थान पुलिस झूठे मामले दर्ज करवाकर पुलिस और अदालत का समय तथा संसाधन खराब करने वालों के खिलाफ अभियान चलाएगी। इसके तहत ऐसे व्यक्तियों को चिह्नित करके उनके खिलाफ अदालत में इस्तगासा पेश करके सजा दिलवाने की कार्रवाई की जाएगी।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पुलिस (अपराध) डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने मंगलवार को बताया कि इसके लिए पुलिस मुख्यालय द्वारा पहले भी समय-समय पर सभी अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि अब इसे अभियान के रूप में लिया जाएगा।
मेहरड़ा ने बताया कि इस संबंध में प्रारंभिक तौर में झुंझुनू जिले के दो थानों में किये गए प्रयोग में पुलिस को अभूतपूर्व सफलता मिली। उन्होंने बताया कि चिह्नित किये गये 52 झूठे प्रकरणों में से 50 में अदालत द्वारा आरोपियों को आर्थिक दंड की सजा सुनाई गई है। उन्होंने बताया कि अब इस अभियान को पूरे प्रदेश में लागू कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस उपायुक्त को विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि झूठे प्रकृति के बहुत से मामले पुलिस के पास आने लगे हैं। उन्होंने बताया कि जांच में भादंसं अपराध के मामलों में औसत 31 प्रतिशत और महिला अत्याचार के 46 प्रतिशत तक मामले जांच में झूठे पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि सही प्रकरणों की तफ्तीश में जो समय लगना चाहिए, उसका 30 से 40 प्रतिशत समय झूठे मामलों की तफ्तीश करने और इस नतीजे पर पहुंचने में निकल जाता है।
उन्होंने बताया की कानून में 182 और 211 भादंसं का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि झूठी प्राथमिकी दर्ज कराने वालों के विरुद्ध इस्तगासे के रूप में प्रकरण अदालत में दर्ज किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि झुंझुनू जिले में पुलिस द्वारा पिछले 3 साल के 52 प्रकरणों को चिह्नित करके अदालत में इस्तगासा पेश किया गया था। उन्होंने बताया कि अदालत ने आरोपियों को आर्थिक दंड से दंडित किया है।
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