वाराणसी (उत्तर प्रदेश), 19 मई (भाषा) ज्ञानवापी परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के लिए यहां की एक अदालत द्वारा गठित आयोग ने अपनी रिपोर्ट बृहस्पतिवार को अदालत को सौंप दी।
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह ने 14, 15 और 16 मई को किए गए सर्वेक्षण कार्य की रिपोर्ट जिला सिविल न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर की अदालत में पेश की।
यादव ने बताया कि अदालत द्वारा हटाए गए अधिवक्ता आयुक्त अजय मिश्रा ने छह व सात मई को की गई ज्ञानवापी परिसर की सर्वेक्षण रिपोर्ट बुधवार देर शाम अदालत को सौंप दी थी।
विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह ने रिपोर्ट पेश करने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘ मैंने 14, 15 और 16 मई की रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत कर दी है। रिपोर्ट में क्या है यह मुझे बताने का अधिकार नहीं है। अब रिपोर्ट पर आगे की कार्यवाही अदालत करेगी।’’
विशाल सिंह ने कहा कि वीडियोग्राफी और ‘स्टिल फोटोग्राफी’ (तस्वीर) के चिप वाले सीलबंद बक्से के साथ दस्तावेज भी जमा किए गए हैं। हालांकि, उन्होंने रिपोर्ट का कोई विवरण नहीं दिया।
उन्होंने कहा, ‘मेरी तरफ से यह अंतिम रिपोर्ट है। अगर अदालत को लगता है कि यह पर्याप्त है तो ठीक है, अन्यथा किसी और आवश्यकता के लिए अदालत के निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी।’
सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही एक कथित रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘जब तक वह रिपोर्ट पेश नहीं की गई थी तब तक वह गोपनीय थी। अब मैंने उसे प्रस्तुत कर दिया है तो उस मामले को दोनों पक्ष देखेंगे। आप भी अदालत से एक प्रति लेकर उसे देख सकते हैं।’
गौरतलब है कि अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के लिये नियुक्त किए गए अधिवक्ता आयुक्त मिश्रा को मंगलवार को पद से हटा दिया था।
अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी-सर्वे के लिये एडवोकेट कमिश्नर (अधिवक्ता आयुक्त) नियुक्त किये गये अजय मिश्रा को उनके एक सहयोगी द्वारा मीडिया में खबरें लीक करने के आरोप में मंगलवार को पद से हटाया था।
अदालत ने साथ ही कहा था कि विशाल सिंह ही 12 मई के बाद की आयोग की पूरी कार्रवाई रिपोर्ट स्वयं दाखिल करेंगे और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह, विशाल सिंह के निर्देशन में ही काम करेंगे, वह स्वतंत्र रूप से कुछ नहीं कर सकेंगे।
अदालत ने सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिये दो और दिन का समय दिया था, क्योंकि इलाके के नक्शे बनाने में कुछ समय लग रहा था। पहले यह रिपोर्ट 17 मई को ही पेश की जानी थी
उल्लेखनीय है कि ज्ञानवापी मस्जिद प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित है। स्थानीय अदालत महिलाओं के एक समूह द्वारा इसकी बाहरी दीवारों पर बने विग्रहों की दैनिक पूजा अर्चना की अनुमति की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है।
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कार्य सोमवार को पूरा किया गया था। सर्वे के अंतिम दिन हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद के वजूखाने में एक कथित शिवलिंग मिला है। मगर मुस्लिम पक्ष ने यह कहते हुए इस दावे को गलत बताया था कि मुगल काल की तमाम मस्जिदों में वजूखाने के ताल में पानी भरने के लिये नीचे एक फौव्वारा लगाया जाता था और जिस पत्थर को शिवलिंग बताया जा रहा है, वह फौव्वारे का ही एक हिस्सा है।
भाषा सं जफर सलीम धीरज
धीरज
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