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Sunday, 22 September, 2024
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जॉनसन ने गुजरात में गांधी आश्रम, जेसीबी कारखाने का किया दौरा, अडानी से की मुलाकात

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अहमदाबाद/नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा के तहत बृहस्पतिवार को अहमदाबाद पहुंचे। जॉनसन अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम गए और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय एवं द्विपक्षीय मुद्दों पर अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ नयी दिल्ली में औपचारिक बातचीत से एक दिन पहले उद्योगपति गौतम अडानी से मुलाकात की।

जॉनसन की यात्रा से पहले, ब्रिटेन के उच्चायोग ने बताया कि ब्रिटेन और भारतीय कारोबार सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग से लेकर स्वास्थ्य क्षेत्र तक एक अरब पाउंड के नए निवेश और निर्यात समझौतों की पुष्टि करेंगे। इससे ब्रिटेन में तकरीबन 11,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है।

गुजरात में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन के कार्यक्रम में पंचमहाल जिले स्थित ब्रिटेन की निर्माण उपकरण कंपनी जेसीबी के एक कारखाने और गांधीनगर में स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रसिद्ध अक्षरधाम मंदिर का दौरा भी शामिल था। शुक्रवार को उनका मोदी से वार्ता करने का कार्यक्रम है।

यूक्रेन पर भारत के रुख के बारे में पूछे जाने पर जॉनसन ने कहा कि उनका देश पहले ही यूक्रेन युद्ध का मुद्दा मोदी के साथ कूटनीतिक स्तर पर उठा चुका है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा हर कोई इस बात को समझता है कि भारत और रूस के बीच ‘ऐतिहासिक रूप से बहुत अलग रिश्ते’ हैं।

10 करोड़ पाउंड (करीब 995 करोड़ रुपये) के निवेश से स्थापित होने वाले जेसीबी के एक नये कारखाने के उद्घाटन के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में जॉनसन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम यूक्रेन के मुद्दे को पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कूटनीतिक रूप से उठा चुके हैं। वास्तव में, उन्होंने (भारत ने) बुचा (यूक्रेन में एक शहर) में अत्याचार की कड़ी निंदा की थी।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या वह यूक्रेन पर भारत के रुख के मुद्दे को मोदी के साथ उठाएंगे, जॉनसन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हर कोई समझता है कि भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक रूप से बहुत अलग रिश्ते हैं, जैसे कि रूस और ब्रिटेन के बीच पिछले कुछ दशकों में थे।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमें नरेंद्र मोदी से (यूक्रेन) इस बारे में बात करते हुए उस वास्तविकता को प्रतिबिंबित करना होगा।’’

जॉनसन की भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण को लेकर तटस्थ रुख अपनाया है, जिसकी पश्चिमी देशों, विशेषकर अमेरिका की ओर से तीखी आलोचना की जा रही है। अमेरिका ने भारत पर रूस के खिलाफ स्पष्ट रुख नहीं अपनाने का आरोप लगाया है।

ब्रिटेन के उच्चायोग के बयान में यह भी कहा गया, ‘‘ऐसे में जब वह शुक्रवार को नयी दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं, प्रधानमंत्री इस सप्ताह की यात्रा का उपयोग ऐतिहासिक ब्रिटेन-भारत मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता में प्रगति को बढ़ावा देने के लिए भी करेंगे, जिससे 2030 तक हमारा व्यापार और निवेश दोगुना करने में मदद मिलने की उम्मीद है।’’

उसने कहा, ‘‘वार्ताकार टीमें अगले हफ्ते भारत में तीसरे दौर की औपचारिक वार्ता करेंगी।’’

उच्चायोग ने कहा कि पिछले साल दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा शुरू की गई ‘ब्रिटेन-इंडिया एन्हांस्ड ट्रेड पार्टनरशिप’ के बाद व्यवसायों के लिए लालफीताशाही कम करने पर काम पहले से ही चल रहा है।

इसमें कहा गया है कि सरकारें ब्रिटेन-निर्मित चिकित्सा उपकरणों को भारत में निर्यात करना आसान बनाने के लिए नए उपायों की घोषणा करेंगी। उसने कहा कि इससे ब्रिटेन में नौकरियों को बल मिलेगा तथा रेडकार-स्थित माइक्रोपोर टेक्नोलॉजीज जैसी ब्रिटेन की ‘मेड-टेक’ कंपनियों के लिए भारत में जीवन रक्षक उत्पादों को बेचने के अवसर उत्पन्न होंगे, जो कि 2.4 अरब पाउंड का आयात बाजार है।

अपनी भारत यात्रा से कुछ समय पहले, जॉनसन ने कहा, ‘‘आज मेरे भारत पहुंचने पर, मैं असीम संभावनाएं देखता हूं, जिसे हमारे दोनों महान देश एक साथ मिलकर हासिल कर सकते हैं। अगली पीढ़ी के 5जी टेलीकॉम्स से लेकर एआई और स्वास्थ्य अनुसंधान तथा नवीनीकरण ऊर्जा में नयी भागीदारियों तक ब्रिटेन और भारत दुनिया का नेतृत्व कर रहे हैं। हमारी मजबूत भागीदारी हमारे लोगों को नौकरियां, वृद्धि और अवसर दे रही हैं तथा यह आने वाले वर्षों में और बढ़ेगी।’’

जॉनसन गुजरात का दौरा करने वाले ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री हैं। उनका अहमदाबाद हवाई अड्डे पर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने स्वागत किया और हवाई अड्डे से एक होटल तक चार किलोमीटर के मार्ग में उनका भव्य स्वागत किया गया।

जॉनसन ने अपने सार्वजनिक कार्यक्रमों की शुरुआत साबरमती आश्रम का दौरा करके की, जहां से गांधी ने एक दशक से अधिक समय तक ब्रिटेन के औपनिवेशिक शासन से भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष का नेतृत्व किया था।

उन्होंने महात्मा गांधी को ”असाधारण व्यक्ति” बताया, जिन्होंने दुनिया को बेहतर बनाने के लिए सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर बल दिया।

जॉनसन ने गांधी आश्रम में आगंतुक-पुस्तिका में लिखा, ”इस असाधारण व्यक्ति के आश्रम में आना और यह समझना कि उन्होंने दुनिया को बेहतर बनाने के लिए किस प्रकार सत्य और अहिंसा के सरल सिद्धांतों पर बल दिया, यह बहुत बड़ा सौभाग्य है।”

उन्होंने अहमदाबाद शहर के बाहरी इलाके शांतिग्राम में अडानी समूह के वैश्विक मुख्यालय में उद्योगपति गौतम अडानी के साथ भी बैठक की।

अडानी ने बाद में ट्वीट किया, ‘‘अडानी मुख्यालय में बोरिस जॉनसन का स्वागत करने का सौभाग्य मिला जो गुजरात का दौरा करने वाले ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री हैं। अक्षय ऊर्जा, हरित एच2 और और नई ऊर्जा पर जोर देते हुए जलवायु और स्थिरता एजेंडा का समर्थन करने की खुशी है। रक्षा और एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी पर ब्रिटेन की कंपनियों के साथ भी काम करेंगे। आत्मनिर्भर भारत।’’

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ने गांधीनगर में निर्माणाधीन गुजरात बायोटेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के परिसर का भी दौरा किया, जो ब्रिटेन के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के सहयोग से बन रहा है।

जॉनसन ने भारतीयों के लिए अधिक संख्या में ‘कौशल वीजा’ का समर्थन किया है। उन्होंने भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत में तेजी लाने के प्रयासों के तहत यह समर्थन जताया है।

जॉनसन ने गुजरात के अहमदाबाद के लिए रवाना होने से पहले संवाददाताओं के साथ बातचीत में माना कि ब्रिटेन के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और प्रोग्रामिंग क्षेत्र में विषेशज्ञों की भारी कमी है। उन्होंने कहा कि देश को इन दोनों क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कर्मचारियों की जरूरत है।

जॉनसन वीजा और लोगों की मुक्त आवाजाही के बारे में सवालों का जवाब दे रहे थे। ब्रिटेन के साथ कोई भी एफटीए समझौता करने के लिए भारत ने वीजा और लोगों की बिना रुकावट आवाजाही की मांग को प्रमुख तौर पर रखा है।

‘द इंडिपेंडेंट’ अखबार ने जॉनसन के हवाले से कहा, ‘मैं हमेशा इस देश में लोगों के आने के पक्ष में रहा हूं।’ उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिटेन में हमारे यहां भारी कमी है, कम से कम आईटी और प्रोग्रामिंग के विशेषज्ञों के मामले में। हमें एक पेशेवर दृष्टिकोण की आवश्यकता है, लेकिन इसे नियंत्रित करना होगा।’’

ब्रिटेन के गृह कार्यालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारतीय पेशेवरों को सबसे अधिक संख्या में ब्रिटेन का कौशल कार्य वीजा जारी किया गया है। पिछले साल 67,839 ऐसे वीजा जारी किए गए थे जो 2019 की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक हैं।

भाषा अमित मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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