कोलकाता, 25 अप्रैल (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को मृत छात्र नेता अनीस खान के पिता को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट पर आपत्ति के रूप में एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया क्योंकि उनके वकील ने जांच के निष्कर्षों पर आपत्ति जताई थी।
याचिकाकर्ता सलेम खान के वकील बिकास भट्टाचार्य ने अदालत में दावा किया कि रिपोर्ट में प्रासंगिक विवरण शामिल नहीं हैं ऐसे में इसे ज्यादा से ज्यादा एक जांच रिपोर्ट कहा जा सकता है, न कि तहकीकात रिपोर्ट।
न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने भट्टाचार्य से कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा एक सप्ताह के भीतर हलफनामे के रूप में रिपोर्ट पर औपचारिक आपत्ति दायर किया जाए।
अदालत ने मामले की सुनवाई 12 मई तक के लिए स्थगित कर दी।
खान ने उच्च न्यायालय का रुख कर मांग की थी कि उनके बेटे की मौत की जांच एक निष्पक्ष एजेंसी से कराने का आदेश दिया जाए, जो पश्चिम बंगाल पुलिस से जुड़ी नहीं हो।
न्यायमूर्ति मंथा ने 14 मार्च को एक एसआईटी को 18 अप्रैल तक छात्र नेता की मौत की जांच पूरी करने का निर्देश दिया था। खान के पिता ने आरोप लगाया था कि खाकी और नागरिक स्वयंसेवक की वर्दी पहने लोगों ने उनके बेटे की हत्या की।
भट्टाचार्य ने अदालत के समक्ष दावा किया था कि अनीस को चार लोगों ने बेरहमी से पीटा था, जिनमें से एक पुलिस की वर्दी में था और अन्य तीन नागरिक स्वयंसेवकों की पोशाक में थे, और 19 फरवरी की रात को हावड़ा जिले के अमता में घर की तीसरी मंजिल से धक्का दे दिया था।
राज्य सरकार ने 19 अप्रैल को मामले की जांच के लिए उठाए गए कदमों का संकेत देते हुए अदालत के निर्देशों के अनुसार 82 पन्नों की जांच में हुई प्रगति पर रिपोर्ट उसको सौंपी थी।
भाषा
प्रशांत दिलीप
दिलीप
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