नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया (एफओजीएसआई) ने गर्भाशय के संबंध में जागरूकता पैदा करने के लिए बुधवार को एक अभियान शुरू किया।
यह अभियान प्रमुख वैश्विक फार्मा कंपनी बेयर और एकीकृत स्वास्थ्य और कल्याण परिषद (आईएचडब्ल्यू) के साथ मिलकर चलाया जाएगा। आईएचडब्ल्यू एक गैर-लाभकारी स्वास्थ्य जागरूकता संस्थान है।
पिछले कुछ वर्षों से, भारत में असमय हिस्टरेक्टॉमी चिंता का विषय रहा है। हिस्टरेक्टॉमी गर्भाशय हटाने की एक सर्जरी है। यह फैलोपियन ट्यूब, अंडाशय और अन्य संबंधित अंगों को हटाने से भी जुड़ा है। 2015-2016 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, 30-39 वर्ष की महिलाओं में इसकी मौजूदगी 3.6 प्रतिशत थी।
स्त्री रोग विशेषज्ञ और एफओजीएसआई की अध्यक्ष डॉ शांता कुमारी ने कहा कि मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्राव के कारण 50 प्रतिशत से अधिक महिलाओं में गर्भाशय हटाने के लिए सर्जरी की गई थी।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में जागरूकता पैदा करने और महिलाओं को यह समझने में मदद करने की जरूरत है कि गर्भाशय को हटाने की प्रक्रिया क्या है। उन्होंने कहा कि इसके साथ महिलाओं को गर्भाशय को प्रभावित करने वाले रोग और उनके उपचार के लिए उपलब्ध विकल्पों से भी अवगत कराने की जरूरत है।
भाषा अविनाश उमा
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