नयी दिल्ली, दो मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 टीकाकरण नीति में संशोधन का अनुरोध करने वाले एक याचिकाकर्ता से सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का रूख करने को कहा।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि सक्षम प्राधिकारी के समक्ष न्याय की मांग किए बिना अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दायर की गई है।
पीठ ने कहा, ‘‘केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से अनुरोध है कि सभी प्रासंगिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इस पर उचित रूप से विचार करें।’’
उच्चतम न्यायालय तरुण मेहता द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत कोविड-19 टीकाकरण नीति में संशोधन का अनुरोध किया गया है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि उसे ‘स्पुतनिक-वी’ टीका लगाया गया था, लेकिन चूंकि इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है, इसलिए वह विदेश यात्रा करने में असमर्थ है।
याचिकाकर्ता ने ‘स्पुतनिक-वी’ टीका प्राप्त करने वाले और विदेश यात्रा करने के इच्छुक व्यक्तियों को स्वैच्छिक टीकाकरण की अनुमति देने के लिए नीति में संशोधन का अनुरोध किया है।
भाषा
देवेंद्र मनीषा
मनीषा
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