तिरुवनंतपुरम, तीन जुलाई (भाषा) केरल में विपक्षी कांग्रेस ने सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र इकाई स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) पर केरल स्टूडेंट यूनियन के एक नेता की कथित रूप से पिटाई करने और पार्टी विधायक एम. विन्सेन्ट पर हमला करने के लिए बुधवार को निशाना साधा।
कांग्रेस नीत छात्र संगठन केरल स्टूडेंट यूनियन (केएसयू) ने मामले में पुलिस की निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए सचिवालय तक मार्च निकाला। केएसयू ने दो जुलाई की रात श्रीकार्यम थाने के बाहर हिंसक झड़प के संबंध में विधायक विन्सेन्ट और चांडी ओमान के साथ-साथ केएसयू कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किये जाने के विरोध में भी प्रदर्शन किया।
राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीशन ने एसएफआई को ‘अपराधियों का गिरोह’ करार दिया और छात्र संगठन पर विन्सेन्ट व ओमान पर हमला करने का आरोप लगाया।
सतीशन ने एक बयान में यह भी आरोप लगाया कि पुलिस विधायकों पर हमला करने वाले एसएफआई कार्यकर्ताओं को बचा रही है।
उन्होंने कहा कि दो छात्र समूहों के बीच झड़प में एक पुलिसकर्मी को आई चोट के लिए विधायकों व केएसयू कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।
सतीशन ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार एसएफआई के ‘गुंड़ों’ का संरक्षण कर रही है।
उन्होंने कहा कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को यह अहसास होना चाहिए कि एसएफआई परिसरों में जघन्य कृत्यों को अंजाम दे रही है।
विजयन राज्य में गृह विभाग भी संभाल रहे हैं।
दोपहर बाद, केएसयू ने विधायकों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के विरोध में राज्य सचिवालय तक मार्च निकाला और पुलिस पर एसएफआई के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। केएसयू कार्यकर्ताओं ने सचिवालय के बाहर लगाए गए अवरोधकों के पास राज्य सरकार और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए कई बार पानी की बौछारें कीं लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं हटे और सचिवालय के सामने सड़क के एक तरफ यातायात अवरूद्ध कर दिया।
बाद में प्रदर्शनकारियों ने पलायम की ओर कूच किया।
विन्सेन्ट ने दावा किया कि एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने दो जुलाई की मध्यरात्रि को उन पर उस समय हमला किया जब वह श्रीकार्यम थाने पहुंचे। वहां कांग्रेस के छात्र संगठन केरल स्टूडेंट्स यूनियन के सदस्य केरल विश्वविद्यालय परिसर में उनके एक नेता की कथित तौर पर पिटाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
कांग्रेस विधायक ओमन के साथ प्रदर्शन कर रहे केएसयू सदस्य उनके नेता की कथित तौर पर पिटायी करने वाले एसएफआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज करने की भी मांग कर रहे थे।
एसएफआई ने आरोप लगाया है कि केएसयू बाहर से ‘गुंडों’ को लेकर आयी और उसने विश्वविद्यालय परिसर के भीतर वामपंथी छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं पर उस समय हमला किया जब संस्थान में तीन जुलाई को नए छात्रों का स्वागत करने की तैयारी की जा रही थी।
बाद में थाने के बाहर दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू हो गयी जो मारपीट में बदल गई। एसएफआई कार्यकर्ताओं ने पुलिस के सामने विन्सेन्ट पर कथित तौर पर हमला किया।
घटना के बाद पत्रकारों से बातचीत में विन्सेन्ट ने कहा, ‘‘जैसे ही मैं गाड़ी से उतरा, मुझ पर हमला किया गया। आप सभी ने देखा। यह एसएफआई का अहंकार दिखाता है।’’
ऐसी जानकारी है कि केएसयू प्रदर्शनकारियों को उनके एक नेता की कथित तौर पर पिटाई के मामले में मुकदमा दर्ज करने का आश्वासन दिया गया। एसएफआई को भी ऐसा ही आश्वासन दिया गया।
इन आश्वासनों के बाद दोनों पक्षों ने अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया।
भाषा जितेंद्र अविनाश
अविनाश
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